ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) के तत्वावधान में गुरुवार को यंग साइकोलॉजिस्ट्स कॉन्फ्रें स (मनोवैज्ञानिकों की बैठक) के पहले इंटरनेशनल एसोसिएशन का उद्घाटन किया गया। इसमें नए उभरते ²ष्टिकोणों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया गया, ताकि व्यवहार विज्ञान और विश्व स्तर पर इस क्षेत्र की उन्नति में योगदान दिया जा सके।
जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) के प्रिंसिपल डायरेक्टर प्रोफेसर डॉक्टर संजीव पी. साहनी ने कहा, “मनोविज्ञान के क्षेत्र में ज्ञान और अनुसंधान की उन्नति पर केंद्रित इस प्रकार की यह पहली ऐसी कॉन्फ्रेंस (बैठक) है। इसके माध्यम से युवा मनोविज्ञान पेशेवर (विद्यार्थी) नवाचार, छात्रवृत्ति और नैदानिक देखभाल के चलते व्यवहार विज्ञान में एक बहु-अनुशासनात्मक ²ष्टिकोण के लिए प्रोत्साहित हो सकेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “एसोसिएशन के पहले वार्षिक सम्मेलन में एक हजार से अधिक विद्वानों, शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों के भाग लेने की उम्मीद है।”
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर सी. राज कुमार ने इस मौके पर कहा, “इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर यंग साइकोलॉजिस्ट्स कॉन्फ्रेंस के तत्वावधान में व्यवहार विज्ञान में उभरते रुझान पर इस सम्मेलन के आयोजन में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए मैं जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज और खास तौर पर डॉक्टर संजीव पी. साहनी को बधाई देने चाहता हूं।”
उन्होंने कहा, “जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज एक मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट है। यहां शिक्षण, अनुसंधान, अनुभवात्मक शिक्षा पर अपना काम करता है।”
लगभग 50 विद्वान मनो-सामाजिक सुरक्षा, अभिभावकों की भूमिका और बाल विकास, पहचान को समझना, मनोवैज्ञानिक संकट : कठिन समय के साथ मुकाबला, विविध व्यवसायों के बीच मनोवैज्ञानिक योग्यता, किशोरावस्था के विकास संबंधी विषय आदि जैसे सब्जेक्ट पर अपना काम प्रस्तुत करेंगे।