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    केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय कैरियर, एयर इंडिया का निजीकरण नहीं होने की स्थिति में इसे बंद करना होगा। उन्होंने हालांकि कहा कि सभी कर्मचारियों के लिए एक अनुकूल सौदा सुनिश्चित किया जाएगा।

    पुरी ने उच्च सदन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, “मैं उस हद तक जाऊंगा और यह कहूंगा।”

    इसके बाद पुरी ने कहा कि निजीकरण नहीं होने पर एयरलाइन को बंद कर दिया जाएगा।

    सरकार राष्ट्रीय वाहक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली दस्तावेज तैयार कर रही है और विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च निर्धारित की गई है। पहले के प्रयास में मोदी सरकार ने मई 2018 में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था, लेकिन बोली के पहले चरण में एक भी निजी पार्टी ने रुचि नहीं दिखाई।

    विमानन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और एयर इंडिया के प्रमुख अश्वनी लोहानी बोली प्रक्रिया शुरू करने से पहले संभावित निवेशकों से मिल रहे हैं।

    हरदीप पुरी ने पिछले हफ्ते कहा था कि एयर इंडिया पर मंत्री समूह (जीओएम) ने पहले बैठक कर कुछ फैसले लिए हैं।

    राज्यसभा में एक सदस्य द्वारा पूछा गया कि क्या पायलट निजीकरण के चक्कर में एयरलाइन को छोड़ रहे हैं? तो मंत्री ने नकारात्मक जवाब दिया।

    संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संपग्र-2) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के वाहक को जीवित रखने के लिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय पैकेज को मंजूरी दी थी।

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