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    hardeep singh puri

    अमृतसर, 5 मई (आईएएनएस)| अमृतसर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2014 के लोकसभा चुनाव में अरुण जेटली जैसे बड़े चेहरे के साथ मैदान में उतरी थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार पार्टी ने यहां से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर दांव खेला है।

    राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कूटनीति से राजनीति में आए पुरी को कांग्रेस के मौजूदा सांसद गुरजीत औजला से जाट बहुल सीट पर कड़ी टक्कर मिल रही है।

    पंजाब भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ, पुरी को अक्सर शहर के पार्क और सार्वजनिक स्थानों पर सुबह की सैर करने वालों से बात करते हुए देखा जा सकता है। पुरी कहते हैं कि उनका इस शहर से जुड़ाव है।

    पुरी ने कहा, “मैं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं और सभी बेहद उत्साहित हैं।”

    अमृतसर में पैदा हुए पूर्व नौकरशाह एक सिख लेकिन गैर जाट हैं, जो मतदाताओं से यह कहते हुए अपील कर रहे हैं, “अगर आप मुझे मौका दें तो मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में आपकी आवाज बन सकता हूं, क्योंकि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने वाली है।”

    पुरी एक शहरी सिख हैं और उनकी जड़ें दिल्ली से जुड़ी हैं। उन्हें प्रचार अभियान में अक्सर अपनी राजनयिक पत्नी लक्ष्मी पुरी का पूरा साथ मिल रहा है।

    अपने बाहरी होने की बात पर वह मतदाताओं से कहते हैं, “मेरे दादा जी 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में थे, जब अंग्रेजों ने गोलियां चलवाई थी। आप लोग कैसे मुझे बाहरी कह सकते हैं? और शहरी विकास मंत्री होने के नाते यह मेरे लिए एक मौका है कि मैं अमृतसर की समस्याओं को हल कर सकूं।”

    लंबे समय से सिख समुदाय की लंबित मांग रहे करतारपुर कॉरिडोर की स्थापना पर भाजपा के उम्मीदवार ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि करतारपुर कॉरिडोर दो देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच तनाव के बावजूद आकार लेगा।”

    गलियारा अमृतसर शहर के सिख तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक जाने के लिए आसान मार्ग प्रदान करेगा।

    करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब के नरोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है। सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 से अधिक वर्ष वहीं बिताए थे।

    पिछले नवंबर में, पुरी एक अन्य केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के साथ करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान गए थे।

    पुरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर अमृतसर के बाहरी इलाके में दलित बहुल मुधाल गांव को अपनाया, जिसका उद्देश्य समुदाय के विश्वास को बहाल करना है।

    उन्होंने कहा, “उस समय मुझे जानकारी नहीं थी कि पार्टी मुझे इस पवित्र शहर की सेवा करने का मौका देगी।”

    पुरी का प्रचार अभियान सुबह आम लोगों के साथ बैडमिंटन खेलने से शुरू होता है, जहां वह लोगों को कहते हैं कि वे यहां के लोगों की आवाज बन सदन में रहेंगे और दुनिया में पगड़ी का गौरव बढ़ाएंगे।

    वह यह कहकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने 2010 में ह्यूस्टन हवाईअड्डे पर सुरक्षा के दौरान पगड़ी की गरिमा के लिए संघर्ष किया था।

    उस समय वह न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी राजदूत के रूप में तैनात थे।

    अमृतसर सीट का प्रतिनिधित्व क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004 से 2014 तक किया था। उस समय वह भाजपा में थे। सिद्धू फिलहाल पंजाब की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

    2014 के चुनाव में कांग्रेस के अमरिंदर सिंह ने एक लाख से अधिक वोटों से भाजपा उम्मीदवार अरुण जेटली को परास्त किया था। उस समय शिअद-भाजपा की सरकार राज्य में थी।

    फरवरी 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अमरिंदर ने अमृतसर सीट से इस्तीफा दे दिया और राज्य विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की।

    इसके बाद अमृतस सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार औजला ने भाजपा और आम आदमी पार्टी आप के उम्मीदवारों को परास्त कर 1.97 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की।

    पुरी का मौजूदा कांग्रेस सांसद औजला से सीधा मुकाबला है।

    अमृतसर में कुल 14,68,972 मतदाता हैं, जिनमें 690,313 महिलाएं हैं।

    यह एक सिख बहुल सीट है, जहां सिख मतदाओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है।

    पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए एक ही चरण में में 19 मई को मतदान होना है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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