भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मुस्लिम देशों के संगठन की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई हैं। इस बैठक में उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी मजहब के खिलाफ नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है। ऋग्वेद से बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान एक हैं और सभी धर्मों का पर्याय है शांति।
दुनिया आतंकवाद से परेशान
विदेश मंत्री को यूएई के विदेश मंत्री एचएन शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान ने बतौर मुख्य अथिति के तौर पर निमंत्रण दिया था। सुषमा स्वराज ने वैश्विक मंच से कहा कि दुनिया आज आतंकवाद की परेशानी झेल रही हैं और आतंकी संगठनों के वित्तपोषण पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने बगैर किसी देश का नाम लिए कहा कि भारत लंबे समय से आतंक से जूझ रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज के युग में भारत आतंकवाद से जूझ रहा है। आतंक का दंश और दायरे में रोजाना वृद्धि हो रही है। आज के दौर में आतंकवाद और अतिवाद नए आयाम छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पनाह देने पर रोक लगनी चाहिए। आतंकी समूहो की फंडिग पर रोक लगनी चाहिए।
धर्म का मतलब शांति
उन्होने कहा कि संस्कृतियों से संस्कृतियों का समागम अवश्य होना चाहिए। सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारी लड़ाई मजहब से नहीं बल्कि आतंकवाद से हैं। जिस तरह इस्लाम का पर्याय शांति है, अल्लाह के 99 नामों में से एक का नाम का अर्थ भी हिंसा नहीं है, इसी प्रकार हर धर्म शांति के लिए है।
भारत की संस्कृति का हवाला देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत के लिए बहुलता को अपनाना सदैव ही सरल रहा है क्योंकि यह संस्कृति का सबसे पुराने धर्मिक ग्रंथ ऋग्वेद में भी शामिल भी है और मै वहां से ही इसका उदाहरण ले रही हूं। एकम सत विप्र बहुधा वधंती अर्थात भगवान एक है लेकिन बुद्धिजीवि लोग उनका अलग-अलग तरह से वर्णन करते हैं।
पाक हुआ यूएई से रुसवाह
भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के बाबत विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे मुल्क में हर धर्म और संस्कृति का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भारत के अल्पसंखयक मुस्लिम जहरीले प्रोपोगेंडा से प्रभावित हो रहे हैं।
पाकिस्तान ने ओआईसी के महासचिव को पत्र लिखकर इस सम्मेलन का बहिष्कार करने की धमकी दी थी। हालाँकि इस्लामाबाद ने इस बाद कहा कि वह इस संगठन का संस्थापक सदस्य है और इस नाते वह इस कार्यक्रम में शरीक होगा व अपना पक्ष रखेगा।