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    लीबिया

    लीबिया की अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार ने कमांडर खलीफा हफ्तार की सेना के साथ ईद अल अदहा के मौके पर संघर्षविराम के समझौते पर रजामंदी का ऐलान किया है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड और विद्रोही सेना से संघर्षविराम समझौते पर मानने की गुजारिश की थी।

    बयान में बताया कि लीबिया में यूएन के अभियान का समर्थन करने की प्रतिक्रिया में हम ऐलान करते हैं कि ईद के पाक अवसर के मौके तक हम मानवीय संघर्षविराम समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। संघर्षविराम समझौते के सभी पक्षों को समझौते के प्रति अडिग रहना होगा।

    इस समझौते में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष गोलीबारी और हवाई उड़ानों पर पाबन्दी शामिल है। लीबिया में संघर्ष की शुरुआत साल 2011 में हुई थी, जब लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से उखाड़ फेंका था।

    खलीफा हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी और संयुक्त राष्ट्र समर्थित गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड के बीच अप्रैल से संघर्ष की शुरुआत हुई है।

    लीबिया एक अस्थिर राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। अप्रैल में हफ्तार की सेना ने राजधानी त्रिपोली पर सेना को कूच करने के आदेश दिए थे।

    गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। इस संघर्ष में 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और 650 लोगो ने अपनी जान गंवाई है। इस तीव्र संघर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांतिपूर्ण समाधान की मांग की है।

    यह संघर्ष अप्रैल में शुरू हुआ था और अब तक इसमें 1100 से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है और 5750 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। 10000 से अधिक लोग अपने घरो को छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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