स्वेज नहर भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ती है।
स्वेज नहर एक मनाव द्वारा निर्मित नहर है, जो मिस्र देश में पायी जाती है। यह भूमध्य सागर के दक्षिण भाग को लाल सागर के उत्तरी भाग से जोड़ती है।
चूंकि लाल सागर भारतीय महासागर में मिलता है, स्वेज नहर पश्चिम से पूर्व में आने के लिए एक बेहद जरूरी शॉर्टकट यानी छोटा रास्ता है।
स्वेज नहर के बनने से पहले जो जहाज यूरोप से भारतीय उपमहाद्वीप की ओर आते थे, उन्हें अफ्रीका के बिलकुल नीचे से आना पड़ता था।
लेकिन इस नहर के बनने से पानी के जहाज भूमध्य सागर से होते हुए लाल सागर में प्रवेश करते हैं और अंत में भारतीय महासागर में पहुँच सकती हैं। इस नहर के बनने के कारण यूरोप से एशिया और पूर्वी अफ्रीका का सरल और सीधा मार्ग खुल गया और इससे लगभग 6,000 मील कम दूरी तय करनी पड़ती है।
स्वेज़ नहर की वजह से ही लिवरपूल से मुम्बई आने में 7250 किमी तथा हांगकांग पहुँचने मे 4500 किमी, न्यूयार्क से मुम्बई पहुँचने मे 4500 किमी की दूरी कम हो जाती है। इसी नहर के कारण भारत तथा यूरोपीय देशो के व्यापारिक सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए है।
इस नहर का निर्माण सन 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेण्ड ने शुरू किया था। इसको बनने में व शुरू होने में करीब 10 साल लग गए थे। यह यातायात के लिए 1869 में खुली थी। यह नहर 165 किमी लम्बी, 48 मी चौड़ी एवं 10 मीटर गहरी है।