सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर की एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर की गई टिप्पणी की निंदा की, जिनकी 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान मृत्यु हो गई थी।
अग्निवेश ने एक बयान में कहा, ठाकुर की उम्मीदवारी में भगवा की वास्तविक प्राकृति और मूल्य प्रणाली का पता चलता हैं।
दावा किया गया था कि हेमंत करकरे ने मालेगांव विस्फोट मामले में हिरास्त में रहने के दौरान उन्हें सबसे बुरी तरह की गालियां और यातनाएं और अधिकारी की मौत उनके अभिशाप के कारण हुई थी।
मालेगांव विस्फोट का आरोपी कांग्रेस के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हैं।
उनकी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, भाजपा ने अपनी आध्यात्मिक चालाकी और राजनीतिक परिपक्वता के लिए प्रज्ञा को नही चुना, दोनों में उसकी कमी हैं।
उन्होंने कहा, चुनाव में साम्प्रादायिकरण करने की उनकी क्षमता के कारण उनको चुना गया, अग्निवेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला करते हुए, ठाकुर का दृष्टिकोण मोदी के साथ तालमेल बैठा रहा हैं।
दोनों के लिए सामान्य लक्षण यह हैं कि जो लोग असुविधाजनक हैं उन्हें या तो कुचल देना चाहिए या अस्तित्व से बाहर कर दिया जाना चाहिए। इसलिए, इस लिए मोदी कांग्रेस को मिटा देना चाहते हैं। प्रज्ञा ने एक अच्छा काम किया: उन्होंने अपने विरोधी को शाप दिया था।
बयान में यह कहा गया था, अति असहिष्णुता की यह मानसिकता धार्मिक भावनाओं के साथ मिलकर सभी के लिए खतरनाक, लोकतंत्र की भावना के लिए हानिकारक हैं।
कार्यकर्ता ने कहा, अगर मोदी ठाकुर की बात से असहमत हैं तो उन्हें ठाकुर को चुनावी मैदान से हटा देना चाहिए।
यह बड़े पैमाने पर देश को संदेश देगा कि इस तरह के बयानों और भावनाओं का हमारी लोकतांत्रिक संस्कृति में कोई स्थान नही हैं।
ठाकुर ने यह भी कहा कि करकरे में मालेगांव विस्फोट में झूठा आरोप लगा कर और सबूतों के बिना उसे सलाखों के पीछे रख कर राष्ट्रविरोध का कृत्य किया हैं।
उन्होंने कहा यह देशद्रोह था। यह धर्म के खिलाफ था।
ठाकुर ने कहा, उसने मुझे प्रताड़ित किया और मेरे साथ कठोर दुर्व्यवहार किया जो असहनीय था। मैंने उसे कहा की वह नष्ट हो जाएगा।
करकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र आतंकवादरोधी दस्ते ने सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट में सबूत मिलने पर ठाकुर और अन्यों को गिरफ्तार कर लिया।
जमानत पर बाहर, ठाकुर(48) को अदालत ने इस मामले में कड़े महाराष्ट्र नियंत्रण कानून(मकोका) के तहत आरोपों के आधार पर अदालत से छुट्टी दे दी थी। वह अभी भी गैरकानूनी गतिविधियों अधिनियम सहित अन्य आपराधिक प्रावधानों के तहत मुकदमें का सामना कर रही हैं।
29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के सांप्रादायिक रूप से संवेदनशील कपड़ा शहर, मालेगांव में बम ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे और सौ से अधिक घायल हो गए थे।