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    स्वाइन फ्लू

    देश में स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता नज़र आ रहा है। हाल ही की जानकारी के अनुसार इसके कारण कुछ दिनों में 169 लोगों की मौत हो गयी है और 4571 लोगों पर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आया है। अर्थात 4571 लोग स्वाइन फ्लू से ग्रसित पाए गए हैं।

    विभिन्न राज्यों में स्वाइन फ्लू का प्रभाव :

    सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़े के अनुसार राजस्थान में स्वाइन फ्लू के कुल 1911 मामले दर्ज किये गए हैं और इसके साथ साथ 75 लोगों की मौत हो गयी है। पूरे देश के स्वाइन फ्लू से फ्रासित लोगों का 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में है।

    इसके बाद गुजरात में सरकार ने 600  लोगों को स्वाइन फ्लू से ग्रसित पाया जिनमे से 24 लोगों की मौत हो गयी। इसके बाद राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू के कुल 532 मामले दर्ज किये गए हालांकि दिल्ली में कोई भी मौत होने की खबर नहीं आई है।

    पंजाब में स्वाइन फ्लू से ग्रसोत कुल 174 लोग पाए गए जिनमे से 27 लोगों की मौत हो गयी। हरियाणा में कुल 8 मौतों के साथ 372 मामले दर्ज किये गए। इसके साथ महाराष्ट्र में 12 मौतों के साथ कुल स्वाइन फ्लू के 72 मामले दर्ज किये गए।

    स्वास्थ मंत्री का बयान :

    हमने विभिन्न राज्यों के अस्पतालों को कुछ बीएड आरक्षित रखने के लिए कहा है क्योंकि कुछ मामलों में खराब हालत के चलते रोगियों को वेंटीलेटर पर रखे काने की ज़रुरत पड़ सकती है। उन्हें लोगों को सावधानी बरतने के लिए सलाह जारी करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, स्वाइन फ्लू की दवा ओसेल्टामिविर का पर्याप्त स्टॉक है और एन 95 मास्क की कमी भी नहीं है। 

    दिल्ली सरकार ने जारी की एडवाइजरी :

    इस बीच, दिल्ली सरकार ने लोगों के लिए डू और डोन्ट्स का उल्लेख करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। सलाह में कहा गया है कि मौसमी इन्फ्लूएंजा (H1N1) एक स्व-सीमित वायरल, वायुजनित बीमारी है जो व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलती है, खाँसने और छींकने के कार्य से उत्पन्न बड़ी बूंदों के माध्यम से, दूषित वस्तु या सतह को छूने के लिए अप्रत्यक्ष संपर्क (फोमाइट) टेलीफोन, सेल फोन, कंप्यूटर, दरवाज़े के हैंडल, दरवाज़े की घंटी, पेन, खिलौने आदि) और निकट संपर्क, जिसमें हाथ मिलाना, गले मिलना और चुंबन शामिल हैं।

    इसके अलावा एडवाइजरी में बताया गया है की कैसे हम इससे बच सकते हैं एवं हमें क्या क्या नहीं करना चाहिए।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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