Sun. Dec 22nd, 2024
    स्वयं सहायता समूहों से लखपति दीदी बनाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के साथ समझौता

    स्वयं सहायता समूहों से लखपति दीदी बनाने की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गुरुवार को आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2024 तक 10 करोड़ एसएचजी सदस्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा क्योंकि ग्रामीण विकास मंत्रालय इसके लिए एक मिशन मोड पर काम कर रहा है।

    आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय स्व-रोजगार की भावना को बढ़ाने में सहयोग करेंगे। इससे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं का सशक्तिकरण हो सकेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

    इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल और अभिसरण बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन के बड़े लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होने की उम्मीद है।

    दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में से एक है, जिसे 25 सितंबर 2014 को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य उम्र के बीच सबसे गरीब युवाओं को कौशल प्रदान करना है। ग्रामीण भारत से 15 और 35 वर्ष की। देश के लिए खुद को देश के साथ-साथ दुनिया के स्किल हब के रूप में विकसित करना महत्वपूर्ण है। स्किल इंडिया अभियान के एक भाग के रूप में, यह मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया अभियान जैसे सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व स्तर पर पसंदीदा विनिर्माण केंद्र, देश के अन्य प्रमुख कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान देने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए। अब तक कुल 13.88 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और 8.24 लाख उम्मीदवारों को डीडीयू-जीकेवाई के तहत रखा गया है।

    ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के बीच सहयोग डीडीयू-जीकेवाई के तहत एनएसक्यूएफ अनुपालन पाठ्यक्रमों के तहत 22000 ग्रामीण गरीब युवाओं के प्रशिक्षण को भी सुनिश्चित करेगा, जैसे पंचकर्म तकनीशियन, पंचकर्म सहायक, आयुर्वेदिक मालिशिया, क्षार कर्म तकनीशियन, कपिंग थेरेपी सहायक इत्यादि। उनका प्लेसमेंट पहले चरण में है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय डीडीयू-जीकेवाई मानदंडों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए डीडीयू-जीकेवाई के लिए दिए गए मानदंडों के आधार पर वित्त पोषण अर्थात केंद्र सरकार और राज्य सरकार सुनिश्चित करेगा।

    ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि एनएसक्यूएफ के अनुरूप पाठ्यक्रमों के तहत ग्रामीण गरीब युवाओं को इन प्रशिक्षणों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एक नोडल एजेंसी की नियुक्ति की जाए और डीडीयू-जीकेवाई कौशल भारत पोर्टल पर उनका मूल्यांकन, प्रमाणन और प्लेसमेंट और रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *