नई दिल्ली में पुरातत्व विभाग कि नई इमारत का उद्घाटन करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हो रहे स्मारकों कि दुर्गति पर अपने विचार व्यक्त किए एवं किन्हीं-किन्हीं स्मारकों में फोटो खींचने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया हैं। इसका कारण उन्होंने फ़्लैश से हो रहे नुकसान को बताया हैं।
अजंता कि गुफा एवं लेह पैलेस में बनी प्राचीन चित्र कला कैमरे के फ़्लैश के द्वारा क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इसी को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग ने इन जगह फोटो लेने पर पाबंदी लगा दी हैं। इनके अलावा इस सूची में आगरा का ताज महल भी शामिल हैं। इन जगहों को छोड़ कर बाकी जगह आप समान रूप से फोटो ले सकते हैं।
इसके अलावा प्रधान मंत्री मोदी ने युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘पर्यटक मार्गदर्शक’ जैसी नौकरियाँ प्रदान करेंगी एवं विद्यालयों के पाठ्यक्रम में वहां के क्षेत्रीय स्मारकों के बारे में जोड़ेगी जिससे देश में अपने स्मारकों को लेकर लोगो कि जागरूकता बड़े और देश कि धरोहर क़ाबिल हाथों में रहे। यह एक सराहनीय कदम है स्मारकों के संरक्षण में।
जैसा हम सब जानते कि हमारा देश भारत एक प्राचीन सभ्यता से ताल्लुक़ रखता हैं। बड़े बड़े सम्राटो से लेकर अंग्रेज़ों तक ने इस पर राज किया। जो चीजें हमें अपनी सभ्यता एवं इतिहास याद दिलाती हैं वो है हमारे स्मारक। आगरा का ताज महल हो या दिल्ली का लाल किला हर स्मारक अपने आप में ख़ास है और अनोखा भी। ताज महल को तो दुनिया का अजूबा माना गया हैं।
इसे देखने ना जाने कितने ही सैलानी भारत आते हैं। ऐसी कितनी ही धरोहर हमारे देश में है जिनकी हिफाज़त हमें और सरकार दोनों को मिलकर करनी हैं। इनका अगर हम ख्याल रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी भी हमारे देश के इतिहास के बारे में जान पाएगी अन्यथा इस अनमोल धरोहर से वह वंचित रह जाएगी।