Sun. Nov 17th, 2024
स्टार-सिस्टम को लेकर शाहरुख़ खान ने किया फिल्म समीक्षकों से अनुरोध: फिल्में हैं, कोई होटल नहीं

अगर बॉलीवुड करियर की बात की जाये, तो सुपरस्टार शाहरुख़ खान का ज्यादा अच्छा वक़्त नहीं चल रहा है। पिछले कुछ समय से उनकी फिल्में निराश करती दिखाई दे रही हैं इसलिए लोग उनके किंग स्टेटस पर भी सवाल उठाने लगे हैं। लोगो को समझ नहीं आ रहा कि इतने कुशल और अनुभवी अभिनेता होने के बाद भी उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फिसल क्यों रही हैं। लेकिन एक बात गौर करने वाली ये है कि चाहे ‘फैन’ हो या ‘जीरो’, उन्होंने हर फिल्म के साथ एक्सपेरिमेंट किया है और खुद को चुनौती दी है।

हाल ही में, क्रिटिक्स फिल्म चॉइस अवार्ड्स 2019 के दौरान, किंग खान ने सरप्राइज एंट्री ली और कुछ ऐसी बातें बोली जो वाकई गौर करने वाली और विचारणीय हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में कोई होटल नहीं हैं जिनको स्टार दिया जाये।

उनके मुताबिक, “हम फिल्म निर्माताओं ने रचनात्मक और घिसे-पिटे विचार को अधिक श्रेय देने के लिए संघर्ष किया है। हम कला की खोज करते हैं, हम कहानियों के सार के बिना फार्म की खोज करते हैं। हम तर्क ढूंढते हैं और कहानी कहने की मुक्त-भावना की अवहेलना करते हैं। हमें खुद को याद दिलाना होगा कि सत्य निराकार है, केवल असत्य बनते हैं। फिल्म बिरादरी होने के नाते हमें खुद से अधिक वास्तविक होना पड़ता है, उन कहानियों से जिसे हम बताना चाहते हैं।”

https://twitter.com/SRKUniverse/status/1120060085789585408

“इसलिए मैं अपने सभी समीक्षक मित्रों से अनुरोध करता हूँ कि कृपया हम बॉलीवुड फिल्मी सितारों की तरह न बनें, और स्टार सिस्टम में ना बह जाए जिसके सामने कई वर्षों पहले बॉलीवुड ने घुटने टेंक दिए थे। स्टार सिस्टम हमारे समीक्षकों द्वारा फिल्मों को समेटने का एकमात्र तरीका नहीं हो सकता है। 3 स्टार्स, 3.5 स्टार्स, 3 और एक चौथाई स्टार्स, 5 स्टार्स…. यह एक फिल्म है, ईश्वर के लिए कोई होटल नहीं। हर जगह समीक्षक आने से, फिल्म समीक्षक एक लुप्तप्राय प्रजाति बनती जा रही है। कृपया इसे उपभोक्ता सेवा द्वारा प्रतिस्थापित न होने दे।”

वैसे बादशाह की बात गलत भी नहीं है। एक फिल्म के पीछे कई लोगो की मेहनत होती है जिसे कुछ ही पल में उछाल दिया जाता है। उम्मीद करते हैं कि उनकी इस बुद्धिमानी से भरे भाषण के कारण, फिल्मो को आंकने का तरीका बदल जाएगा। आपको क्या लगता है, क्या आप किंग खान के विचार से सहमत हैं?

 

By साक्षी बंसल

पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *