अगर बॉलीवुड करियर की बात की जाये, तो सुपरस्टार शाहरुख़ खान का ज्यादा अच्छा वक़्त नहीं चल रहा है। पिछले कुछ समय से उनकी फिल्में निराश करती दिखाई दे रही हैं इसलिए लोग उनके किंग स्टेटस पर भी सवाल उठाने लगे हैं। लोगो को समझ नहीं आ रहा कि इतने कुशल और अनुभवी अभिनेता होने के बाद भी उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फिसल क्यों रही हैं। लेकिन एक बात गौर करने वाली ये है कि चाहे ‘फैन’ हो या ‘जीरो’, उन्होंने हर फिल्म के साथ एक्सपेरिमेंट किया है और खुद को चुनौती दी है।
हाल ही में, क्रिटिक्स फिल्म चॉइस अवार्ड्स 2019 के दौरान, किंग खान ने सरप्राइज एंट्री ली और कुछ ऐसी बातें बोली जो वाकई गौर करने वाली और विचारणीय हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में कोई होटल नहीं हैं जिनको स्टार दिया जाये।
My Beautiful Wise King @iamsrk 💋
How Wise & Strong are your words Sweetheart, like always aaah Sukoon ♡
Thanks for the Sweet slap for the gyaani critics who rate the films by stars only, they are not goddamn Hotels with stars🙏#CriticsChoiceFilmAwards pic.twitter.com/bhRrbuVDgF
— ❥ Sнαн ᏦᎥ Ᏸ𝐢ω𝐢 𓀠 (@JacyKhan) April 21, 2019
उनके मुताबिक, “हम फिल्म निर्माताओं ने रचनात्मक और घिसे-पिटे विचार को अधिक श्रेय देने के लिए संघर्ष किया है। हम कला की खोज करते हैं, हम कहानियों के सार के बिना फार्म की खोज करते हैं। हम तर्क ढूंढते हैं और कहानी कहने की मुक्त-भावना की अवहेलना करते हैं। हमें खुद को याद दिलाना होगा कि सत्य निराकार है, केवल असत्य बनते हैं। फिल्म बिरादरी होने के नाते हमें खुद से अधिक वास्तविक होना पड़ता है, उन कहानियों से जिसे हम बताना चाहते हैं।”
Who better than an actor, a movie star, who understands and appreciates constructive criticism, who can laugh at himself and the critics…to be the big surprise finale at the @CCFAwards – thank you @iamsrk for your eloquence and generosity pic.twitter.com/TtXYAE1aNy
— Rajeev Masand (@RajeevMasand) April 21, 2019
The surprise guest of the evening The one and only funny, witty and the king of Bollywood – King Khan @iamsrk#CriticsChoiceFilmAwards #MotionContentGroupIndia pic.twitter.com/3tp17GqeZE
— SRK Universe UK Club (@UKSRKUniverse) April 21, 2019
https://twitter.com/SRKUniverse/status/1120060085789585408
“इसलिए मैं अपने सभी समीक्षक मित्रों से अनुरोध करता हूँ कि कृपया हम बॉलीवुड फिल्मी सितारों की तरह न बनें, और स्टार सिस्टम में ना बह जाए जिसके सामने कई वर्षों पहले बॉलीवुड ने घुटने टेंक दिए थे। स्टार सिस्टम हमारे समीक्षकों द्वारा फिल्मों को समेटने का एकमात्र तरीका नहीं हो सकता है। 3 स्टार्स, 3.5 स्टार्स, 3 और एक चौथाई स्टार्स, 5 स्टार्स…. यह एक फिल्म है, ईश्वर के लिए कोई होटल नहीं। हर जगह समीक्षक आने से, फिल्म समीक्षक एक लुप्तप्राय प्रजाति बनती जा रही है। कृपया इसे उपभोक्ता सेवा द्वारा प्रतिस्थापित न होने दे।”
वैसे बादशाह की बात गलत भी नहीं है। एक फिल्म के पीछे कई लोगो की मेहनत होती है जिसे कुछ ही पल में उछाल दिया जाता है। उम्मीद करते हैं कि उनकी इस बुद्धिमानी से भरे भाषण के कारण, फिल्मो को आंकने का तरीका बदल जाएगा। आपको क्या लगता है, क्या आप किंग खान के विचार से सहमत हैं?