देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए और स्टार्टअप के शुरुआती समय के लिए नियमों को और भी सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार नए सिरे से विचार कर रही है।
इसके लिए केंद्र सरकार आकार विभाग व अन्य नियमकों के साथ मिलकर स्टार्ट अप के नियमों का सरलीकरण कर स्टार्ट अप की ग्रोथ को बढ़ावा देने का विचार कर रही है।
औद्योगिक नीति वैभव के सचिव रमेश अभिषेक के कहा है कि “हम स्टार्ट अप के नियमों को और भी सरल बनाए जाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके तहत अभी तक हमने 24 नियमों का सरलीकरण किया है।”
इसके तहत अब SIDBI भी 3,300 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध करा रही है।
इसके पहले इंफ़ोसिस के पूर्व सीईओ वी बालाकृष्णन ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा था कि देश में स्टार्टअप को आगे बढ़ाए जाने के लिए इनसे संबन्धित नियमों को और भी अधिक सुलझाइए जाने की आवश्यकता है।
वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा स्टार्ट अप के लिए की जा रही पहल के बावजूद देश में स्टार्टअप के पनपने के लिए अपनी उतनी बेहतर जमीन उपलब्ध नहीं हो पायी है। देश में स्टार्टअप के पनपने के लिए अभी भी रिस्क उपलब्ध हैं।
मालूम हो कि सरकार ने देश में पनपने वाले स्टार्ट अप की फंडिंग के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। 2 साल पहले देश में स्टार्टअप के लिए फंडिंग सिडबी ही मुहैया करा रहा था।
हाल ही में देश के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्य सभा को सूचित करते हुए बताया है कि FFS के जरिये 30 जून 2018 तक देश भर के 142 स्टार्टअप को 602.6 करोड़ रुपये का कुल फंड उपलब्ध कराया जा चुका है।
इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टार्टअप इंडिया की घोषणा करते हुए कहा था कि देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए शुरुआती दौर में कर से मुक्ति व इंस्पेक्टर राज से मुक्त परिवेश देने का वादा किया था।