गुजरात विधानसभा चुनाव में आज कल हर कोई अपने आपको ख़ास दिखाने की फिराक में है। आम आदमी की तरह खाना खाने से लेकर चुनाव में आम आदमी की भाषा का उपयोग करना यह बात साबित करती है कि इस चुनाव में आम दिखने वाला इंसान फ़िलहाल बहुत ख़ास है।
यहां तक तो फिर भी ठीक था, लेकिन अब यह आम आदमी का फार्मूला राजनितिक गलियारों में कुछ ज्यादा ही हिट हो गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी तो न सिर्फ आम आदमी के मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे है, बल्कि चुनावी मौसम में बिलकुल आम आदमी बने घूम भी रहे है।
अब कल ही की बात है, जब उन्होने अपने स्कूटी वाले अंदाज से न सिर्फ सबको हैरान कर दिया, बल्कि विपक्षी पार्टी को भी परेशान कर दिया। धनबल का तोड़ तो अधिक धनबल है और यह बात कांग्रेस जानती भी है, लेकिन फ़िलहाल उनके स्कूटी वाले अंदाज का कोई तोड़ कांग्रेस को नहीं समझ आ रहा है।
क्या है स्कूटी की पूरी कहानी?
दरअसल गुजरात के मुख्यमंत्री और जाने माने रहीस विजय रुपाणी जी चुनाव के नामंकन के लिए पर्चा भरने किसी कार या महंगी गाडी के बदले सामान्य से स्कूटी पर आए। राज्य के मुख्यमंत्री का यह अंदाज न सिर्फ अलग बल्कि नया भी था। बता दे कि विजय रुपाणी 9.08 करोड़ की संपत्ति के मालिक है।
चुनाव में स्कूटी क्यों है महँगी गाड़ियों पर भारी?
इस चुनाव में हर राजनेता अपने को स्वच्छ छवि का दिखाना चाहता है। जमीन से जुड़े होने की होड़ इतनी ज्यादा है कि नेता अपने खाने से लेकर गाने तक में आम आदमी की पसंद और न पसंद का ख्याल रख रहे है। वैसे राजकोट की सीट पर मुकाबला किसी आम आदमी का नहीं बल्कि साक्षात दो धनकुबेरों का है। यहां पर गुजरात के मुख्यमंत्री और करोड़ो की संपत्ति के मालिक विजय रुपाणी का मुकाबला कांग्रेस के धनकुबेर इंद्रनील राज्यगुरु से है।
इंद्रनील राज्यगुरु धन और संपत्ति के मामले में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। आपको बता दे कि वो गुजरात के दूसरे सबसे अमीर आदमी है और 141.22 करोड़ के मालिक है। ऐसा माना जाता है कि इंद्रनील राज्यगुरु ही कांग्रेस के लिए मोटे चंदे का पूरा बदोबस्त करते है। अब भईया जी बात ऐसी है कि जब एक धनवान को अपना मुकाबला महाधनवान से होता नजर आया तो उन्होने आम आदमी का चोला पहनना वाजिब समझा।