जयदेव शाह जो की सौराष्ट्र की टीम के कप्तान हैं और जिन्होने अपने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में अभी तक 119 मैच खेल हैं, उन्होने कर्नाटका के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच मे से पहले अपने सन्यास का एलान कर दिया है, वह अपना आखिरी मैच गुरुवार को राजकोट मे कर्नाटका के खिलाफ खेलेंगे।
वह पूर्व बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह के बेटे हैं, जयदेव अपने फाइनल मैच मे 112वीं बार सौराष्ट्र की तरफ से कप्तानी करेंगे। जयेदव ने अपना फर्स्ट-क्लास डेब्यू 2002-03 सीजन मे किया था। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अबतक 30 की औसत से 5000 रन बनाए है। वही 65 लिस्ट-ए गेम की बात करे तो, उन्होने इसमे 20 की औसत से 1277 रन बनाए है।
जयदेव शाह का करियर भी विवादो से कम नही रहा, लेकिन सौराष्ट्र के कप्तान के रूप में उनका चयन और घरेलू टीम में उनके लंबे समय तक रहने के साथ-साथ विभिन्न इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी द्वारा चयन अक्सर आलोचकों द्वारा हमले में आया, जिन्होने टीम मे सलेक्शन के लिए अपने पिता का कई बार साथ लिया। जूनियर शाह आईपीएल के दौरान अब तक चार फ्रेंचाइजी के लिए चुने गए है जिसमें (राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात लायंस) लेकिन उनको इन चारो टीमो से ही एक मैच खेलने तक का मौका नही मिला।
जयदेव शाह का करियर हमेशा अंधेरे और उदासीनता मे ही नही रहा, वह अबतक 111 मैचो मे सौराष्ट्र के लिए कप्तानी करते आए है वह फर्स्ट-क्लास क्रिकेट मे सबसे मैचो मे कप्तानी करने वाले खिलाड़ी है, इससे पहले हरियाणा के रवींद्र चड्डा ने 83 फर्स्ट-क्लास मैचो मे कप्तानी की है। उनके नेतृत्व में सौराष्ट्र की टीम 2012-13, 2015-16 में रणजी ट्राफी की रनर-अप टीम रही है, औऱ दो बार सेमीफाइनल में जगह बनायी है। सौराष्ट्र की टीम ने विजय हजारे टूर्नामेंट भी 2007-08 में उनकी कप्तानी में जीता था।
जयदेव शाह की कप्तानी में भारतीय राष्ट्रीय टीम के दो खिलाड़ी उभर कर सामने आए थे, जिसमे रविंद्र जडेजा और चतेश्वर पुजारा का नाम शामिल है।