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    सौरव घोषाल

    अपनी दुनिया में चुपचाप अभ्यास करते हुए स्क्वैश खिलाड़ी सौरव घोषाल ने दिवार के पीछा एक इतिहास रचा है। वह भारत में ज्यादा लोकप्रिय ना रहने वाले खेल में दो बडे़ मुकाम हासिल कर चुके है। उन्होने 2018 राष्ट्रमंडल खेलो में मिली हार के बाद यह इतिहास रचा है जिसकी कई स्क्वैश प्रशंसकों ने परिकल्पना भी नही की होगी।

    एक महीने के अंतराल में, घोषाल पीएसए वर्ल्ड रैंकिंग के शीर्ष -10 में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय पुरुष और एशियाई चैंपियनशिप जीतने वाले देश के पहले पुरुष खिलाड़ी हैं।

    पीएसए वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहली बार क्वार्टर फाइनल में प्रवेश और प्रतिष्ठित ग्रासहॉपर कप में शीर्ष 8 स्थानो में खत्म करना घोषाल के लिए शानदार था, जिससे वह नंबर10 स्थान से आगे आसानी से जगह बना सकते थे।

    उसके एक महीने बाद घोषाल को एशियन चैंपियनशिप में नंबर एक वरीयता मिली औऱ उन्होने हांग-कांग के एयू चून मिंग को 11-9,11-2 और 11-8 से मात देकर परुष एकल के खिताब पर कब्जा किया था, वही महिलाओं में जोशना चिनप्पा ने खिताब की सुरक्षा करने में सफल रही।

    इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का अब अगल स्टॉप ब्रिटिश ओपन है जो इस महीने के आखिरी में खेला जाएगा और उन्होने अभ्यास सत्र से समय निकालकर टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की है।

    आप भारत के पहले खिलाड़ी है जिन्होने शीर्ष-10 में जगह बनाई है और अब भारत के एशियन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए है। क्या अब जीतना आपकी आदत है?

    बहुत अच्छा लगता है जब आपके पास दो इतनी बड़ी उपब्धि हो। अब पूरा ध्यान आगे और अच्छा करने पर है और बार को अधिक उठाना है। उम्मीद करता हूं कि मैं ऐसा कर पाऊंगा।

    क्या आपने साल के शुरुआत में ऐसा कोई लक्ष्य रखा था या आप खुद के प्रदर्शन से हैरान है?

    हां, निश्चित रुप से इस साल के लिए मैंने अपने टारगेट को ऊंचा रखा था और जो भी अबतक मैंने सोचा था वह सब मैंने हासिल कर लिया है। मैं इस समय एक अच्छी दिशा मैं जा रहा हूं और यह एक सकारात्मक है।

    आपने अपने खेल में कुछ बदलाव किये है?

    मैं एक खिलाड़ी के रुप में हर साल अपने विकसित होने की कोशिश करता हूं। लेकिन अगर मुझे कोई एक चुननी है तो मैंने उच्च तीव्रता के साथ खेलना शुरु किया है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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