भारतीय महिला टीम को टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। इसी के साथ भारतीय महिला टीम को अपने पहले टी-20 विश्वकप से हाथ धोने पड़े। वहीं अनुभवी खिलाड़ी राज को टीम से बाहर करना टीम मैनेजमेंट का फैसला गलत था।
इसमें भारत के पूर्व कप्तान बल्लेबाज सौरभ गांगुली ने विवाद पर अपनी टिप्पणी रखते हुए कहा, कि मिताली राज को सेमीफाइनल मुकाबले में टीम से बाहर बिठाने वाले फैसले को सुनकर कोई हैरानी नहीं हुई। उन्होनें अपनी राय रखते हुए कहा कभी- कभी सबसे बेस्ट बल्लेबाज को टीम से बाहर कर दिया जाता हैं।
सौरभ गांगुली ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैनें भारत की कप्तानी छोड़ी थी, उसके बाद मुझे भी टीम से निकाल दिया गया, और जब मैनें मिताली राज के बारे में सुना तो “मैं उनको अपने ग्रुप में आने का स्वागत करता हूं”।
उन्होने ग्रेग चेपल के युग की बात करते हुए कहा कि अगर कप्तान को बैठने के लिए कहे तो उसे बैठ जाना चाहिए। मैनें ऐसा ही फैसलाबाद में किया था। मैनें 15 महीने तक कोई वनडे क्रिकेट नही खेला था, जबकि मैं उस वक्त एक बहुत बहतरीन खिलाड़ी था, जिंदगी में ऐसा होता हैं। उन्होनें कहा कि बेस्ट खिलाड़ी को हमेशा दरवाजा दिखाया जाता हैं। गांगुली ने यह भी कहा कि मिताली को टीम से खेलने के लिए दोबारा मौका मिलेगा।
आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि आप बेस्ट हैं क्योंकि आपने कुछ किया हैं और इसलिए तुमको दोबारा मौका मिलेगा। तभी मैं मिताली को टीम से ड्राप करने को लेकर हैरान नही हूं। लेकिन मैं टीम के प्रदर्शन को लेकर निराश हूं क्योंकि टीम को और आगे तक का सफर तय करना चाहिए था।
सौरभ गांगुली ने भारतीय टीम से 112 टेस्ट मैच खेले थे। वही 311 वनडे मैचों मे भी टीम के लिए भी अपना योगदान दिया था। 113 टेस्ट मैचो की 188 इनिंग में गांगुली ने अपने टेस्ट करियर में 7212 रन बनाए, जिसमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में खेले 311 मैचों में गांगुली ने 11363 रन बनाए थे। जिसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं।