बारासात अदालतों द्वारा बिना शर्त जमानत दिए जाने के बाद, घरेलू हिंसा के एक मामले में घिरे, पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन सौम्यजीत घोष ने बुधवार को कहा कि वह जून में राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप के साथ प्रतिस्पर्धात्मक वापसी कर रहे हैं।
उन्होने संववदाताओ से बात करते हुए कहा, ” मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे थे और मुझे और मेरे परिवार को जमानत दे दी गई है।” घोष 2013 में सबसे युवा राष्ट्रीय चैंपियन बने थे।
आगे उन्होने कहा, ” मैं राष्ट्रमंडल खेलो से वापसी करने की पूरी कोशिश करूंगा। मुझे अपनी पूरी कोशिश करनी होगी। लेकिन सामान्य समय में मुझे कोर्ट जब भी सम्मन करेगा मुझे अदालत में पहुंचना होगा। जमानत के साथ, मैं दोबारा अपने खेल में ध्यान केंद्रित कर सकता हूं। यह एक बहुत ही कठिन लड़ाई है और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हू कि मेरा परिवार और मेरे शुभचिंतक मेरे साथ खड़े है।”
घोष और उनके परिवार के पांच सदस्यों और रिश्तेदारों पर आईपीसी की धारा 498-ए (शारीरिक और मानसिक यातना), 406 (विश्वासघात का आपराधिक उल्लंघन), 195-ए (झूठे सबूत देने की धमकी) और 34 (सामान्य इरादे) के साथ 16 जनवरी को बारात न्यायालय ने आरोप लगाए थे।
उनके वकील शिवाशीष पटनायक डे ने कहा, ” हम सबने मिलकर प्रयास किया लेकिन मैं स्पष्ट नही हूं कि ये सब आरोप हमारे खिलाफ क्यों लगाए गए थे। यह शिकायत देखकर में वाकई हैरान रहे गया था। मैं निर्दोष हूं और फैसले का इंतजार कर रहा हूं। नोटिस मिलने के बाद, वे बारासात न्यायालयों में पेश हुए और सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बिना किसी शर्त के जमानत दी है।”
घोष ने उसी लड़की से शादी की थी जिसने उनके ऊपर बलात्कार के आरोप लगाए थे और मामला खारिज होने के बाद उस लड़की ने ओलंपियन पर नए आरोप लगाए।