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    सोहा अली खान

    सोहा अली खान इंडस्ट्री में पिछले 15 साल से हैं और फिल्मी परिवार से ताल्लुकात रखती हैं जिसमे शर्मीला टैगोर, सैफ अली खान और करीना कपूर खान आते हैं। लेकिन फिर भी वह बॉलीवुड में ज्यादा फिल्में नहीं कर पाई। उनका कहना है कि इंडस्ट्री पतली चमड़ी वाले लोगो के लिए नहीं है।

    उन्होंने ‘रंग दे बसंती’, ‘खोया खोया चाँद’, ‘तुम मिले’ जैसी फिल्मो में काम किया है। IANS को दिए ईमेल इंटरव्यू में, जब उनसे पूछा गया कि क्या अभिनय का पेशा असुरक्षा के साथ आता है, तो उन्होंने कहा-“लोग असुरक्षा के साथ आते हैं और पेशा उन्हें ख़राब कर देगा अगर आप असुरक्षित इंसान हो। अगर आप पतली चमड़ी के बने हो, ये जगह  आपके लिए नहीं है या आप बहुत तेजी से सख्त बन जाओगे।”

    “ज्यादातर अभिनेताओं की चमड़ी मगरमच्छ की होती है और मुझे लगता है कि सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोगो की चमड़ी मगरमच्छ की होती है। क्योंकि अगर आप सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं और वास्तव में टिपण्णी पढ़ते हैं, कुछ लोग बिलकुल बर्बाद ही हो जाएंगे, मगर फिर आपको इसकी आदत पड़ जाती है और ज्यादातर इंसानो की तरह, आप अनुकूलन करते हैं।”

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    सोहा को लगता है कि कंटेंट जरूरी होता है। उनके मुताबिक, “आपको महसूस करना होगा कि आप हर किसी को खुश नहीं कर पाओगे और सबसे महत्वपूर्ण इंसान जिसे आपको खुश करना जरूरी है, वो आप खुद हैं।”

    स्टारडम एक्सपायरी-डेट के साथ आता है, क्या ये विचार कभी सोहा के मन में आया है?

    उन्होंने कहा-“नहीं, ज़िन्दगी एक्सपायरी-डेट के साथ आती है और स्टारडम को गंभीरता से नहीं ले सकते क्योंकि ईमानदारी से, जब आप जायेंगे तो आप अपने साथ अपने अवार्ड या दौलत लेकर नहीं जायेंगे। मेरा मतलब है कि लोग कहते हैं कि आप कुछ पीछे छोड़ कर जाते हैं मगर मैंने काफी मशहूर लोगों को देखा है जिन्हें भुला दिया जाता है और गंभीरता से नहीं लिया जाता।”

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    “लोगों की याद्दाश छोटी होती है और वे वर्तमान में चल रही चीजों के बारे में जानना चाहते हैं और अब यही ज़िन्दगी हो गयी है। इसलिए मैं कहूँगी कि स्टारडम के लिए इतना त्याग मत करो, ज़िन्दगी में खुश रहना बहुत जरूरी है।”

    “अगर स्टारडम आपको खुश करता है, अच्छा है, लेकिन अगर ये आपको नाखुश करता है फिर शायद आपको चीजों को फिर से देखने की जरुरत है।” हिंदी सिनेमा को एक दशक से ज्यादा का योगदान देने के बाद, सोहा का सफ़र आसान नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं मगर वह इन्सान और अभिनेत्री के रूप में विकसित हुई हैं।

    उनके मुताबिक, “मुझे हमेशा से ही ज्यादा अवसर चाहिए थे। मुझे लगता है कि अभिनेत्री के रूप में मेरा पूरी तरह से प्रयोग नहीं किया गया है मगर ज्यादातर लालची अभिनेता ऐसा ही महसूस करते हैं। मुझे अपने काम से प्यार है, मैंने हमेशा अपने करियर को अपनी पूरी ज़िन्दगी का हिस्सा बनने के लिए प्यार किया है। मैं हमेशा एक संतुलित ज़िन्दगी के लिए तड़पी हूँ। स्व नियोजित और अभिनेत्री होना आपको कुछ ऐसा करने के लिए लचीलापन देता है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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