नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर रेल निर्माण की छह इकाइयों का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार देश की बहुमूल्य संपत्तियों को सस्ते दामों में निजी हाथों बेचा जा रहा है, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सोनिया ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि इनमें रायबरेली में बनी आधुनिक कोच फैक्ट्री भी है। उन्होंने कहा कि यह कदम उन उद्देश्यों के खिलाफ है जिनके लिए इसे स्थापित किया गया था।
सांसद ने कहा, “असली चिंता यह है कि उन्होंने परीक्षण के लिए आधुनिक कोच फैक्ट्री को चुना।”
उन्होंने कहा कि देश में रेल निर्माण को गति देने के लिए फैक्ट्री को संप्रग सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्थापित किया था और यह आधुनिकतम संयंत्र है जो कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता की बोगियां बनाता है।
उन्होंने कहा, “यह फैक्ट्री अपनी मूल क्षमता से ज्यादा उत्पादन कर रही है। यह भारतीय रेल की आधुनिकतम फैक्ट्री है। यह सबसे सस्ती रेल बोगी बनाने के लिए प्रसिद्ध है। यह रेलवे की सबसे अच्छी निर्माण इकाइयों में से है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे फैक्ट्री में काम करने वाले लगभग 2,000 कर्मियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार फैक्ट्री का निजीकरण क्यों करना चाहती है।
सोनिया ने कहा, “कर्मियों को विश्वास भी नहीं दिलाया गया है। यह दुख का मुद्दा है कि उनका और उनके परिवार का भविष्य खतरे में है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उसे आधुनिक कोच फैक्ट्री और सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों (पीएसयू) को बचाना चाहिए और किसानों तथा उनके परिवारों का सम्मान करना चाहिए।”
रायबरेली से सांसद सोनिया ने एचएएल, बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसी कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की खस्ता हालत पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “स्थिति किसी से छिपी नहीं है।”
सोनिया गांधी ने कहा कि निजीकरण से देश की बहुमूल्य संपत्तियां बहुत ही सस्ते दामों में निजी हाथों में दी जा रही हैं और हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।