कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस कार्यसमिति की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार पर बातचीत की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों में अपनी गंभीर असफलताओं पर ध्यान देना होगा और सही सबक लेने के लिए वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह ऐसे हर पहलू को देखने के लिए एक छोटा समूह गठित करने का सोच रही हैं, जो इस तरह के बदलाव का कारण बन सके। कांग्रेस की कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे।
चुनावों में हार से बेहद निराशा- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने इस बैठक में कांग्रेस की चुनावी हार को लेकर बेहद निराशा जताई और कहा कि हम सब अभी कोविड-19 महामारी के साथ व्यस्त हैं लेकिन यह बैठक चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से यह समझने की आवश्यकता है कि केरल और असम में हम अपने विपक्षी दलों को हराने में क्यों और कैसे असफल रहे और क्यों पश्चिम बंगाल में हमारा खाता भी नहीं खुल सका। उन्होंने आगे यह भी कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी अपने तथ्यों को सामने नहीं रखेगी हैं, तो वह कभी सही सबक नहीं ले पाएगी।
महामारी और वैक्सीन को लेकर सरकार पर साधा निशाना
इस बैठक में कांग्रेस की सोनिया गांधी ने वैक्सीन को लेकर भी बात की और मोदी सरकार पर निशाना साधा। सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारियां छोड़ दी है और टीकाकरण की सारी जिम्मेदारी राज्यों के सर पर डाल दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा सभी राज्यों को नि: शुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराना आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी हो सकता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति और भी भयावह होती जा रही है। शासन की इस महामारी से लड़ने की एक भी कोशिश काम नहीं आई हैं। देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो गई है। मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और भारत को एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।