नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)| संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता बनी रहेंगी। लोकसभा में पार्टी के नवनिर्वाचित सदस्यों ने शनिवार को यहां अपनी पहली बैठक में उन्हें एक बार फिर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) का नेता चुना।
हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस के नेता को लेकर दुविधा बरकरार है, क्योंकि पार्टी ने इस पर फैसला करने का अधिकार सोनिया गांधी को दे दिया है।
गौरतलब है कि सोनिया उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 1.67 लाख से अधिक मतों से हराकर सांसद निर्वाचित हुई हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना गया है। उन्होंने कहा है, ‘हम कांग्रेस पार्टी में विश्वास रखने के लिए 12.13 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद देते हैं।”‘
पार्टी नेताओं के मुताबिक, सोनिया गांधी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रस्तावित किया था।
बैठक के बाद, सुरजेवाला ने मीडियाकर्मियों से कहा, “सोनिया गांधी को सर्वसम्मति से सीपीपी का नेता चुना गया है। उन्होंने देश के लोगों द्वारा पार्टी को दिए गए जनादेश को भी स्वीकार किया।”
सुरजेवाला ने बताया कि बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी के सांसद संसद के दोनों सदनों में जनता की आवाज उठाते रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा? सुरजेवाला ने कहा, “संसदीय दल के लिए एक संविधान है और सोनिया गांधी लोकसभा में कांग्रेस के नेता के बारे में फैसला करेंगी।”
यहां संसद के केंद्रीय कक्ष में सीपीपी की बैठक कांग्रेस में जारी उथलपुथल के बीच हुई, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं।
19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करने के बाद 2017 में सोनिया ने पार्टी की कमान बेटे राहुल को सौंपी थी।
यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी ने बैठक में क्या कहा? सुरजोवाला ने बताया, “उन्होंने (राहुल) लोकसभा चुनाव में समर्थन देने के लिए मतदाताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और सहयोगी पार्टी के नेताओं को धन्यवाद दिया।”
सुरजेवाला ने बताया, “राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा के सभी 52 सांसद और राज्यसभा के सांसद संसद में सभी नागरिकों की आवाज उठाएंगे।”
इससे पहले सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “प्रत्येक कांग्रेस सदस्य को यह याद रखना चाहिए कि आप में से हर कोई शरीर के रंग या धारणा से परे भारत में संविधान के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए लड़ रहा है।”