बॉलीवुड में इन दिनों प्रासंगिक विषयों पर फिल्म बनाने का बहुत से फिल्म निर्माता प्रयास कर रहे हैं जो दर्शको को पसंद भी आ रहे हैं और उन्ही में से एक फिल्म है ‘खानदानी शफाखाना‘। फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा मुख्य किरदार निभा रही हैं जिन्हे अपने चाचा से एक सेक्स क्लिनिक विरासत में मिलता है और वह कैसे इसे चलाती हैं। फिल्म में रैपर बादशाह और वरुण शर्मा भी नज़र आएंगे।
कुछ दिनों से फिल्म का प्रचार चल रहा है लेकिन अब ये कानूनी मुसीबत में फंस गयी है। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड जो टी-सीरीज के नाम से व्यापार कर रही है, को आदेश दिया है कि वे दिल्ली के सेक्सोलॉजिस्ट विजय एबोट के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग आयोजित करें जिन्होंने इलज़ाम लगाया था कि फिल्म उन्हें और उनके पेशे को बदनाम करती है।
खबरों के अनुसार, न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलाव की एकल पीठ ने सुपर कैसेट्स को फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए कहा, ताकि सेक्सोलॉजिस्ट फिल्म और छवि की बदनामी के बारे में अपनी शंकाओं को दूर कर सकें। कोर्ट इस मामले में 29 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने कहा-“फिल्म से सम्बंधित कोई बयान नहीं दिए जायेंगे और फिल्म की कोई भी जानकारी किसी को नहीं बताई जाएगी। प्रथम दृष्टया तर्क से संतुष्ट नहीं है। 1 जून 2001 से ट्रेडमार्क का इस्तेमाल नहीं किया गया है।”
अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म ‘खानदानी शफाखाना’ लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि क्यों समाज में आज भी सेक्स एक टैबू है। फिल्म की निर्देशक शिल्पी दासगुप्ता ने कहा, ‘खानदानी शफाखाना’ एक जवान लड़की की कहानी है जिसे पंजाब में उसके मृत चाचा का सेक्स क्लिनिक विरासत में मिलता है।
सोनाक्षी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने वाली पहली अभिनेत्री है। फिल्म 2 अगस्त को रिलीज़ होगी।