सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन ने भारत और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अन्य सदस्यों को अगले 25 सालों में मुफ्त सौर ऊर्जा देने का वचन दिया है।
इसी के साथ सॉफ्टबैंक ने आईएसए के सदस्यों के साथ 25 सालों के लिए ऊर्जा सप्लाई का अनुबंध किया है। इस अनुबंध के बाद कंपनी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आईएसए देशों में अधिकाधिक निवेश करेगी।
सॉफ्टबैंक के सीईओ ने ये घोषणा नयी दिल्ली में चल रही आईएसए देशों की मीटिंग में की है।
सन के अनुसार इस सौर अनुबंध से और भी देशों को जुड़ना चाहिए। सॉफ्टबैंक का आईएसए देशों के साथ ऊर्जा सप्लाइ को लेकर किया गया 25 सालों का अनुबंध वर्ष 2043 में खत्म होगा।
सन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को 80 सालों के लिए बढ़ाए जाने पर विचार किया जाएगा, फिलहाल ये पहले 5 सालों में ही अपनी कुल क्षमता का 85 फीसदी उत्पादन करने लगेगा।
सॉफ्टबैंक के अनुसार अगले 25 सालों में उसे पर्याप्त राशि मिल जाएगी, जिसके बाद वो बहुत ही कम दामों पर आईएसए देशों को ऊर्जा उपलब्ध करा सकेगा।
इसके पहले भी सॉफ्टबैंक ने भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 20 अरब डॉलर का निवेश किया था, जिसे अब बढ़ाकर 100 अरब डॉलर कर दिया गया है।
आईएसआई का गठन भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया था। जिसका लक्ष्य विश्व में लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना था।
उस वक़्त मात्र 70 देशों ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद सिर्फ 47 देशों ने ही इस पॉलिसी को स्वीकारा था। बाकी देशों ने अपने को इससे अलग कर लिया था।