विषय-सूचि
माध्यमिक मेमोरी की परिभाषा (Secondary Memory definition in hindi)
परिभाषा – माध्यमिक मेमोरी प्रोग्राम और डाटा को ज्यादा समय तक रखने के काम में आती है। ज्यादा समय के लिए जिस डाटा को मेमोरी की जरूरत होती है उसे हम माध्यमिक मेमोरी बोलते हैं।
सामान्य माध्यमिक मेमोरी उपकरण जो हैं वह हैं हार्ड डिस्क और ऑप्टिकल डिस्क। माध्यमिक मेमोरी ज्यादा डाटा जैसे की औडियो, विडियो और मल्टिमीडिया फ़ाइल आदि रखने के काम में आती है।
हार्ड डिस्क में मुख्य मेमोरी से ज्यादा डाटा रखने की क्षमता होती है। हार्ड डिस्क को ज़्यादातर सीपीयू में फिट किया जाता है। हर डिस्क को हम डाटा को ज्यादा समय तक रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
हार्ड डिस्क में डाटा और प्रोग्राम्स को फ़ाइल के रूप में रखा जाता है। यह मुख्य मेमोरी से 100 गुना तक ज्यादा डाटा को रख सकता है। पर हार्ड डिस्क मुख्य मेमोरी से धीरे काम करती है।
दो तरह की मेमोरी के होने का फायदा यह है की यह सिस्टम की गति और क्षमता बढ़ाने का काम करती है।
प्राथमिक और माध्यमिक मेमोरी में अंतर (difference between primary memory and secondary memory in hindi)
प्राइमरी मेमोरी | सेकेंडरी मेमोरी |
· यह तेज़ होती है। | · यह धीरे होती है। |
· यह महंगी होती है। | · यह थोड़ी सस्ती होती है। |
· इसकी डाटा रखने की क्षमता कम होती है। | · इसकी डाटा रखने की क्षमता ज्यादा होती है। |
· यह सीधा प्रॉसेसर के साथ काम करती है। | · यह सीधा प्रॉसेसर के साथ काम नहीं करती। |
सेकेंडरी मेमोरी की खूबियाँ (benefits of secondary memory in hindi)
माध्यमिक मेमोरी की कुछ खूबियाँ होती हैं जो की प्राथमिक मेमोरी से काफी अलग होती है।
- यह अपरिवर्तनशील मेमोरी होती है जो की डाटा को स्विच ऑफ होने के बाद भी संभाल कर रखती है।
- यह क्षमता ज्यादा होती है टेराबाइटस मे और यह डाटा कों संभाल कर रखती है।
- यह प्राथमिक मेमोरी से थोड़ी सस्ती होती है।
सेकेंडरी मेमोरी के कुछ उदाहरण (examples of secondary memory in hindi)
- हार्ड डिस्क ड्राइव (hard-disk drive)– हार्ड डिस्क ड्राइव आयातकार डिस्क की तरह प्लेटर के रूप में एक के ऊपर एक डिस्क रखकर उसे जुड़कर बनी हुई होती है। डिस्क को हम अचुंबकीय धातु से बनाते हैं जैसे की एल्युमिनियम के मिश्र को 10-20nm के चुंबकीय धातु से जोड़ा जाता है। इन डिस्क का व्यास 14 इंच तक का होता है और यह 4200 आरपीएम तक की गति से कम्प्युटर में और 15000 आरपीएम तक सर्वर में चलता है। डाटा चुंबकीय और अचुंबकीय कोटिंग की मदद से स्टोर किया जाता है। आजकल की आधुनिक हार्ड डिस्क की क्षमता टेराबाइटस में होती है।
- सीडी ड्राइव (cd drive)– सीडी को हम कॉम्पैक्ट डिस्क भी बोलते हैं। सीडी आयतकार डिस्क होती है जो की ऑप्टिकल किरणों, लेजर आदि की मदद से डाटा कों डालने के लिए इस्तेमाल करती हैं। यह बहुत सस्ती होती है और इसमे आपको 700 एमबी की मेमोरी स्टोरेज मिलती है। सीडी को हम सीपीयू में लगे हुए सीडी ड्राइव में डालते हैं। यह पोरटेबल होती है इसकी मदद से हम सीडी को निकाल कर रख सकते हैं।
- सीडी रॉम (कॉम्पैक्ट डिस्क – रीड ओन्ली मेमोरी) – इस तरह की सीडी में डाटा को निर्माता के द्वारा डाला जाता है। सॉफ्टवेयर, औडियो, विडियो आदि को हम सीडी रॉम में रखते हैं।
- सीडी आर (कॉम्पैक्ट डिस्क – रेकोरडेबल) – इसमे उपयोगकर्ता द्वारा केवल एक ही बार डाटा को डाला जा सकता है। बाद में डाटा को न तो हटाया जा सकता है ना ही बदला जा सकता है।
- सीडी आरडबल्यू (कॉम्पैक्ट डिस्क – रीराइटेबल) – इस तरह की ऑप्टिकल डिस्कों में डाटा कों बार बार डाला और हटाया जा सकता है।
- डीवीडी ड्राइव (dvd drive)– डीवीडी कों हम डिजिटल विडियो डिस्प्ले भी बोलते हैं। डीवीडी सीडी से 15 गुना डाटा कों स्टोर कर सकता है। यह ज़्यादातर ज्यादा बड़ा डाटा कों स्टोर करने के काम में आता है। डीवीडी भी तीन तरह की आती है रीड ओन्ली मेमोरी, रेकोरडेबल, रीराइटेबल।
- पेन ड्राइव (pen drive) – यह एक पोरटेबल मेमोरी वाला उपकरण है। यह अपरिवर्तनशीलता के अलावा सारी रैम वाली तकनीक इस्तेमाल करता है। इसे हम यूएसबी ड्राइव के नाम से भी जानते हैं।
- ब्लू रेय डिस्क (blue ray disk)– यह एक ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया है जो की अच्छी गुणवत्ता वाली विडियो और फ़ाइल आदि रखने के काम में आता है। यह छोटे दर्जे की ऑप्टिकल किरणें इस्तेमाल करता है। यह 128 जीबी तक के डाटा कों रख सकता है।
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सेकेंडरी मेमोरी क्या क्या कार्य करती है? और मोबाइल में सेकेंडरी मेमोरी का क्या कार्य होता है?