नोटबंदी की पहली सालगिरह के मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व्यापारियों का हाल जानने गुजरात के सूरत पहुंचे। राहुल ने यहां व्यापारियों से मुलाकात की और नोटबंदी तथा जीएसटी को लेकर उनकी शिकायतें सुनीं। लेकिन उन्हें तब असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब न्यू टेक्सटाइल मार्केट में कुछ लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। इससे कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में हाथापाई तक की नौबत आ गई।
राहुल गांधी ने सूरत में एम्ब्रॉयडरी वर्कर्स से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में एक एम्ब्रॉयडरी वर्कर के साथ एम्ब्रॉयडरी पर भी हाथ आजमाया। राहुल सूरत के प्रसिद्ध हीरा कारोबार के केंद्र पर भी पहुंचे और उन्होंने हीरा व्यापारियों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने वर्कर्स से हीरा तराशने के गुर भी सीखे और कहा कि नोटबंदी से हीरा व्यापारियों को भी काफी दिक्कतें हुई है।
राहुल गांधी सूरत के विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कपड़ा, एम्ब्रॉयडरी, डाइंग आदि यूनिट्स का दौरा किया और वहा के व्यवपारियो से मिले। आज राहुल दिभर सूरत के दौरे पर है और वह शाम को नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर सूरत में आयोजित कैंडल लाइट जुलूस में भी शामिल होंगे।
सूरत पहुंचने के बाद राहुल गाँधी पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसटी के पांच स्लैब काम नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमने टैक्स कि अधिकतम सीमा 18% करने कि मांग कि थी लेकिन सरकार ने हमारी इस मांग को ठुकरा दिया। राहुल ने जीएसटी में केंद्र की सरकार से सुधार करने की अपील की और सूरत में सड़क के किनारे एक गुमटी पर चाय भी पी।
कपड़ा कारोबार के लिए मशहूर सूरत में राहुल गाँधी ने डाई कारखाने में कारीगरों के साथ भी वक्त बिताया और नोटबंदी के कारण उन्हें हुईं दिक्कतें सुनी। राहुल ने सूरत कि तुलना चीन से की और कहा कि सूरत का नाम विश्व व्यवपार में लिया जा रहा है। लेकिन जीएसटी ने सूरत कि कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले आई जीएसटी कि बाढ़ ने किसानो और छोटे मंझले कारोबारियों को बर्बाद कर दिया।
राहुल गांधी ने बुधवार सुबह ही नोटबंदी की सालगिरह पर मोदी सरकार पर हमला बोला। राहुल ने नोटबंदी को एक त्रासदी बताया और ट्वीट किया, नोटबंदी एक त्रासदी है हम उन लाखों ईमानदार भारतीयों के साथ हैं जिनका जीवन और जीविका पीएम के विचारहीन कदम से बर्बाद हो गया।
राहुल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जीएसटी और नोटबंदी दोनों ही सरकार के अब तक की सबसे विफल नीतियां रही है।