देश के हीरा व्यवसाय को लेकर यह एक बहुत बुरी खबर है।
इकनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो अगले 5 से 6 महीनों में देश में हर पाँच में से एक कर्मचारी अपनी नौकरी गँवा सकता है। इसका कारण सरकार द्वारा हीरों पर लगे आयात शुल्क को बढ़ाना माना जा रहा है।
इसी के चलते देश में मौजूद हीरा काटने व तराशने का काम अब चीन और थाईलैंड जा सकता है।
आभूषण निर्यात परिषद की उप चेयरमैन कोलिन शाह ने बताया है कि सूरत में फैला हीरों के विशालतम कारोबार से अब अगली एक या दो तिमाही भर में 1 लाख नौकरियाँ कम हो सकती हैं। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा हीरों पर सरकार द्वारा आयात शुल्क बढ़ाना व व्यापार में कठिनायियों का आना हैं।
शाह के अनुसार “इसके तहत अभी तक वो हीरे जो भारत में कटने व तराशे जाने के लिए आते थे, अब वे यहाँ लगने वाले अधिक आयात शुल्क के चलते भारत न आकार चीन और थायलैंड चले जाएंगे।”
देश के कुल हीरा कारोबार में करीब 5 लाख लोग जुड़े हुए हैं। इनमें से अधिकतर छोटे कर्मचारी हैं, जो हीरे को काटने व उसे तराशने का काम करते हैं।
केंद्र ने इसी साल 26 सितंबर को हीरों पर लगने वाले आयात कर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया था। केंद्र ने यह आयात कर बढ़ोतरी उन सामानों में की थी जो रोज़मर्रा के इस्तेमाल में कम ही आती हैं।
इसी के साथ ही देश का हीरा कारोबार फिलहाल पैसे की कमी से भी जूझ रहा है। हीरा व्यापार की लिक्विडिटी बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
इसी के साथ हीरा व्यापार को घरेलू बाज़ार से भी बड़ा झटका मिला है। एक ओर जहां केरल में बाढ़ आने से हीरा व्यापार पर असर पड़ा है, वहीं इस वर्ष शादी आदि के लिए भी अधिक तारीखें न होने के कारण इस वर्ष हीरा कारोबार को अतिरिक्त नुकसान झेलना होगा।