यूनिसेफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हरिएटा फोरे ने कहा कि “हमें खबर मिली है कि बच्चों को हिरासत में लड़ाई के लिए और यौन शोषण के लिए लिया गया है।” 30 वर्षों के निरंकुश शासन के बाद राष्ट्रपति ओमर अल बशीर के शासन को सेना ने अप्रैल में उखाड़ फेंका था।
हिंसा का अंत
मई में प्रदर्शनकारियों और हुक्मरान सैन्य परिषद् के बीच बातचीत का सिलसिला विफल हो गया था। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सेना सत्ता को नागरिक हुकूमत के सुपुर्द कर दे। 3 जून को सुरक्षा बलों और पैरामिलिट्री ने स्वतंत्रता के समर्थकों के खिलाफ गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसमें कई लोगो की मौत हुई थी और बुरी तरह घायल भी हुए थे।
स्थानीय खबरों में डॉक्टरों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दुष्कर्म के कई मामलो का दावा किया है। स्कूल, अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रो को लूटा गया और तबाह कर दिया गया है। साधारण तरीके से अपनी नौकरी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला किया गया था।
अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने के लिए माता-पिता बेहद डरे हुए हैं। हिंसा, शोषण और कानून को धराशाही कर दिया गया है। समस्त देश से पानी, भोजन और दवाइयों की कमी की खबरे आ रही है। बच्चो के स्वास्थ्य और स्वस्थ लोगो की जिंदगी को जोखिम में डाला जा रहा है।
भोजन, जल और दवाइयों की कमी
यूनिसेफ के प्रमुख ने कहा कि “समूचे सूडान में बच्चे पहले ही दशकों के संघर्ष से परेशान है, कुपोषण और बदहाल शासन की मार बच्चे झेल रहे हैं। मौजूदा शासन महत्वपूर्ण स्थिति को मजीद बदतर बना रहा है। इस अशांति के माहौल के बावजूद यूनिसेफ सूडान में बच्चों के लिए कार्य करना जारी रखेगा।”
उन्होंने कहा कि “हम लाखों की संख्या में बच्चों को सहायता मुहैया कर रहे हैं, इसमें विस्थापित और शरणार्थी, पीड़ित भी शामिल है। हम स्वच्छ जल, कुपोषित बच्चों को इलाज और मनोवैज्ञानिक समर्थन दे रहे हैं। लेकिन हिंसा को रोकना ही होगा।” यूनिसेफ सभी से संरक्षण की और बच्चों को नुकसान से दूर रखने की मांग करता है।”
प्रमुख ने कहा कि “बच्चों, स्कूल और अस्पताल पर किसी भी प्रकार का हमला बच्चों के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने विभागों से जरुरतमंदो तक पंहुच की मानवीय संगठनों को अनुमति देने की गुजारिश की है। महासचिव ने सभी पक्षों से शांतिपूर्ण वार्ता की मांग की है और सेना से नागरिक सरकार को सत्ता के हस्तांतरण करने के लिए बातचीत जारी रखने की गुजारिश की है।”
उन्होंने कहा कि “सूडान के बच्चे शान्ति की कामना करते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जरुरतमंदो के समर्थन में दृढ़ता से खड़े होने की जरुरत है।”