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    सूडानी सेना

    सूडान (Sudan) की सैन्य परिषद् ने पहली बार कबूल किया कि उन्होंने ही खारर्तूम में बैठे प्रदर्शनकारियों पर हमले के आदेश दिए थे। इसमें कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी है। अमेरिकी और अफ्रीकी कूटनीतिज्ञों ने देश में राजनीतिक संकट के समाधान के लिए प्रयासों को बढ़ा दिया है।

    अल जजीरा के मुताबिक प्रवक्ता शम्स अल दिन कबाशी ने गुरूवार को बताया कि “ट्रांज़िशनल मिलिट्री कॉउन्सिल ने बैठे प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर करने का निर्णय लिया था।” हफ्तों से खारर्तूम में स्थित सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे हैं। अप्रैल में ओमार अल बशीर को सेना ने सत्ता से उखाड़ कर फेंक दिया था।

    लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी है, उनकी मांग है कि सैन्य परिषद् हुकूमत को नागरिक सरकार के  हवाले कर दे। 3 जून को प्रदर्शनकारी नेताओं और सेना के बीच बातचीत रद्द हो गयी थी। एक अभियान के तहत सेना ने शिविर पर हमला कर दिया था। डॉक्टर्स ने कहा कि “120 लोगो की मृत्यु हो गयी है। नील नदी से 40 शवों को रिकवर किया जा चुका है।”

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि “समस्त राष्ट्र में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 61 के पार पंहुच चुका है।” प्रवक्ता कबाशी ने गुरूवार को बताया कि “हमने कमांडर्स को प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर करने की योजना के साथ आने के लिए कहा था। उन्होंने एक योजना बनायीं और उस पर अमल किया था लेकिन हमें अफ़सोस है कि कुछ गलतियां जरूर हुई है।”

    सम्मेलन के अंत में कबाशी ने कहा कि “यह योजना नजदीक के क्षेत्र को साफ़ करने के लिए था, जहां ड्रग तस्कर निवास करते हैं लेकिन हमे अफ़सोस है कि यह हुआ। वारदात की तफ्तीश की जांच को शनिवार को जारी किया जायेगा।”

    कूटनीतिक प्रयास

    कबाशी ने दावा किया कि “टीएमसी के खिलाफ एक से अधिक तख्तापलट की कोशिशों की योजना बनायीं गयी थी लेकिन हालिया दिनों में इससे बचाव कर लिया गया था। दो अधिकारीयों के समूह को हिरासत में ले लिया गया था।” प्रदर्शनकारियों ने नागरिक सरकार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नागरिक अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की थी। मंगलवार को उन्होंने अभियान को खत्म करने की मांग को मान लिया था और जनरल के साथ बातचीत की शुरुआत पर सहमति बताई थी।

    खारर्तूम में ट्रैफिक जाम दोबारा हो गया है और खारर्तूम की सड़कों पर कुछ दुकाने दोबारा खुली थी। प्रदर्शनकारियों और दक्षिणपंथी समूहों ने कार्रवाई के लिए कुछ सैनिको और पैरामिलिटरी रैपिड सपोर्ट फाॅर्स के सदस्यों पर आरोप लगाया था।  सरकारी दफ्तर के कर्मचारी सुहैर हस्सान ने बताया कि “अभियान के खत्म होने के बाद आज मेरा दफ्तर में पहला दिन है लेकिन मेरा काम करने का मूड नहीं है।”

    उन्होंने कहा कि “मैं प्रदर्शनकारी क्षेत्र से गुजरा था और वहां नारे लगाने वाली सभी आवाजे अब गायब हो चुकी है।” इथोपिया के मध्यस्थता के प्रयास, सूडान में वाशिंगटन के नवनिर्वाचित राजदूत, और अफ्रीका राज्य के असिस्टेंट सचिव टीबोर नागय ने टीएमसी के प्रमुख अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान से गुरूवार को मुलाकात की थी।

    अल बुरहान ने कहा कि “सूडान और उसकी जनता के राजनीतिक सुलह के अमेरिकी प्रयासों के प्रति सकारात्मक नजरिया है।” फ्रीडम एंड चेंज गठबंधन ने कहा कि “उनके नेताओं ने बुधवार को दो अमेरिकी अधिकारीयों को 3 जून को हुए हादसे की निष्पक्ष जांच की जरुरत के बाबत समझाया था।

    बिगड़ती आर्थिक स्थिति

    अफ्रीकी संघ ने कार्रवाई के बाद सूडान को निलंबित कर दिया था और कहा कि संकट के समाधान के लिए वैश्विक प्रयास किया जाने चाहिए। अमेरिकी कूटनीतिज्ञ सऊदी अरब, यूएई और मिस्र के राजदूतों से मुलाकात जायेंगे। जानकारों के मुताबिक, तीनो क्षेत्रीय ताकतों का सेना को समर्थन है।

    बशीर को सत्ता से हटाने के बाद सऊदी अरब और यूएई ने सूडान को 3 अरब डॉलर की मदद का प्रस्ताव दिया था। इसमें 50 करोड़ नकद सूडान के केंद्रीय बैंक में जमा किये गए थे। देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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