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    सूडान में प्रदर्शन

    सूडान सेना के हुक्मरान और प्रदर्शनकारी नेताओं ने बुधवार को नागरिक प्रशासन को सत्ता के हस्तांतरण के लिए तीन वर्षो के ट्रांजीशन पीरियड पर रज़ामंदी जाहिर कर दी है। सूडान की सत्ता पर बीते 30 वर्षों से अपदस्थत राष्ट्रपति ओमर अल बशीर आसीन थे। प्रदर्शनकारियों की मांग नागरिक सरकार के गठन की थी।

    इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच बातचीत बहाल हो गयी थी। सेना और प्रदर्शनकारी नेताओं ने बुधवार को समझौते पर सहमति का ऐलान किया था। खारर्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर एक अज्ञात हमलावर ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी थी।

    सैन्य परिषद् के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल यास्सेर अल अट्टा ने बताया कि “हम तीन वर्षों के ट्रांज़िशनल पीरियड पर सहमत है। सत्ता के साझा करने के अंतिम समझौते को प्रदर्शनकारियों के साथ जल्द ही मुकम्मल किया गया था। हम अपनी जनता से वादा करते हैं कि यह समझौता अगले 24 घंटो में पूरी तरह अमल में लाया जायेगा।”

    उन्होंने कहा कि “तीन वर्षों के ट्रांजीशन काल में पहले छह महीनो में विद्रोहियों के साथ शान्ति समझौते पर दस्तखत किये जायेंगे। देश के जंगी क्षेत्र दारफुर, ब्ल्यू नील अउ दक्षिणी कोर्दोफैन है।” आर्मी के जनरल ने पहले दो वर्षों के ट्रांज़िशनल पीरियड का आग्रह किया था।

    संप्रभु परिषद् के निर्माण के बाद एक नयी ट्रांज़िशनल नागरिक सरकार के निर्माण करेगी। नागरिक सरकार ट्रांज़िशनल पीरियड के बाद सरकार के गठन के लिए कार्य करेगी उन्होंने कहा कि “इस कार्यकाल के दौरान संसद में 300 सदस्य होंगे जिसमे से 67 प्रतिशत स्वतंत्र और परिवर्तन गठबंधन से होंगे और शेष अन्य राजनितिक समूहों से होंगे।

    गठबंधन ने कहा कि सोमवार को गोलीबारी वार्ता में खलल डालने की कोशिश थी। मंगलवार को हत्याओं के लिए अमेरिका ने सेना को जिम्मेदार ठहराया था। अमेरिकी दूतावास ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा कि यह स्पष्ट है कि सैन्य परिषद् अड़चनों को हटाने की  कोशिश में प्रदर्शनकारियों पर अपनी इच्छा थोपने की कर रहा है।

    आंदोलन के दिग्गज व्यक्ति मोहमद नाजी अल आसान ने पत्रकारों से कहा कि हमने कल क्या होगा इसकी सीधे जिम्मेमदारी सैन्य परिषद् के कंधो पर डाल दी है क्योंकि नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी सेना की है। बशीर को सत्ता से उखाड़ने के लिए हज़ारो प्रदर्शनकारी सैन्य मुख्यालय के बाहर बैठे थे।

    मंगलवार को प्रदर्शनकारियों का हुजूम राजधानी के ओनडरमैन शहर की सड़कों पर उमड़ा था और यह सैन्य परिषद् के खिलाफ नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चिल्लाया कि “या अपनी सरजमीं की रक्षा करो या मरने के लिए तैयार रहो।”

    अरबा में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया था और टायरों को आगजनी किया था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि “वह लोगो को विभाजित करने का गेम खेल रहे है ताकि हालातो पर काबू किया जा सके।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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