सूडान के अंतरिम नेता लेफ्टिनेंट जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने रविवार को सत्ता का हस्तांतरण नागरिक विभाग को करने का संकल्प लिया है। क्रोधित प्रदर्शनकारियों को शांत करने का एक प्रयास है। अलजजीरा के मुताबिक, जनरल ने कहा कि ” ट्रांज़िशनल मिलिट्री कॉउन्सिल क्रांति और विद्रोह की अनुपूरक है। जनता के हाथ में सत्ता सौंपने के लिए परिषद् प्रतिबद्ध है।”
सेना लालची नहीं
उन्होंने कहा कि “समय से अधिक सत्ता में बने रहने के लिए हम बिलकुल लालची नहीं है , हम विपक्षी दलों के साथ इस पर राज़ी हुए थे। हम विपक्षियों के प्रस्ताव के आने का इंतजार कर रहे हैं।” हालाँकि विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सेना सत्ता में बरक़रार रहने की योजना बना रही है।
सूडानी प्रोफेशनल एसोसिएशन के प्रवक्ता मोहम्मद अल अमिन अब्दुलअज़ीज़ के मुताबिक, नागरिकों को सत्ता सौंपने के लिए सेना अब भी संजीदा नहीं है। यह परिषद् पूर्व सरकार का भी प्रतिनिधित्व कर रहा है। हम प्रदर्शन करना जारी रखेंगे और प्रदर्शन को बढ़ाएंगे। हम सैन्य परिषद् से बातचीत का बहिष्कार करेंगे।”
सैन्य हुकूमत का खौफ
राजधानी खारर्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारी निरंतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने नागरिक सरकार के गठन न होने तक प्रदर्शन जारी रखने की कसम खायी है। बीते दिसंबर से दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्र में विद्रोह की शुरुआत हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल बशीर के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में ब्रेड और अन्य सामानो की कीमतों में भारी उछाल आया था जिससे भारी विद्रोह की शुरुआत हुई थी।
सैन्य हुकूमत के भय से जनता का प्रदर्शन जारी है लेकिन अब उनका निशाना सैन्य सरकार है। परिषद् के खिलाफ प्रदर्शन के कारण सूडान के ट्रांज़िशनल मिलिट्री कॉउन्सिल के प्रमुख आवड इब्न औफ ने पद पर नियुक्ति के एक दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था।
सेना ने 11 अप्रैल को बशीर को सत्ता से बेदखल कर दिया था और गिरफ्तार किया गया, इसके बाद उन्हें उच्च सुरक्षा से लैस कोबर जेल में शिफ्ट कर दिया था। यह जेल राजनीतिक कैदियों के बंद किये जाने के लिए कुख्यात है। राष्ट्रपति के पद से हटाने के बाद सैन्य परिषद् का गठन नागरिक सरकार के सत्ता सौंपने के लिए किया गया था।