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    सैन्य प्रवक्ता

    सूडान ने शुक्रवार को अपने क्षेत्रीय सहयोगी सऊदी अरब का समर्थन करने का संकल्प लिया है और ईरान से सभी खतरों और हमलो से निपटने के लिए साथ देने की प्रतिज्ञा ली है। सूडान की ट्रांज़िशनल सैन्य परिषद् के उपप्रमुख जनरल मोहमद हमदान डागलो ने कहा कि “ईरान और हौथी चरमपंथियों से सभी खतरे और हमले के खिलाफ सूडान अपने दोस्त सऊदी  अरब के साथ खड़ा है।”

    उपप्रमुख ने सेना द्वारा सत्ता की बागडोर सँभाले जाने के बाद पहली बार सऊदी की यात्रा की है।  बीते माह सत्ता से अपदस्थ राष्ट्रपति ओमर अल बशीर को हटाने के लिए देश में काफी प्रदर्शन हुए थे। दुगालो के साथ सेना के आधिकारिक प्रवक्ता जनरल शम्स अल दिन कबाशी भी थे।

    उन्होंने कहा कि “जंग से जूझ रहे यमन में सूडानी सेना की तैनाती जारी रहेगी। अल बशीर ने साल 2015 में विदेश नीति के तहत सैनिको की यमन में तैनाती की थी और वे यह सऊदी के गठबंधन में शामिल हुए थे।  रियाद ने सूडान को सहायता में 25 करोड़ डॉलर मुहैया किये थे ताकि वित्तीय स्थिति मज़बूत हो, सूडानी पौंड में उछाल आये और विनिमय दर को अधिक स्थरिता हासिल हो।”

    अप्रैल में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने सूडान को 3 अरब डॉलर मदद मुहैया करने का संकल्प लिया था। सूडान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। यूएई ने 28 अप्रैल को कहा था कि वह सूडान के केंद्रीय बैंक में 25 करोड़ डॉलर जमा कर रहे हैं।

    सूडान शिया बहुल ईरान से संघर्ष में रियाद का सहयोग  करता है और यमन की जंग में संघर्ष के लिए सऊदी गठबंधन को सैनिक मुहैया करता है। अक्टूबर 2017 में अमेरिका ने सूडान से 20 वर्ष पुराना व्यापार प्रतिबन्ध हटा लिया था इसकेबावजूद सूडानी मुद्रा में निरंतर गिरावट आ रही थी। साल 2011 में दक्षिणी सूडान के अलगाव के बाद देश में आर्थिक संकट का दौर अधिक बढ़ गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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