सऊदी अरब ने रविवार को ऐलान किया कि संकटग्रस्त देश में सहायता पैकेज के तहत सूडान के केंद्रीय बैंक में 25 अरब डॉलर की जमा की है। देश में 30 वर्षों के शासन के बाद ओमार अल बशीर को सत्ता से सेना ने उखाड़ दिया था। बयान के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने सूडान के केंद्रीय बैंक में 25 करोड़ डॉलर की रकम जमा की है।
अप्रैल में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने सूडान को वित्तीय सहयता में 2.7 बिलियन यूरो देने का ऐलान किया था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि “दोनों देशों की तरफ से 50 करोड़ डॉलर की राशि मुहैया कर दी गयी है ताकि वित्तीय स्थित को मज़बूत किया जा सके।”
यूएई ने 28 अप्रैल को कहा था कि वह सूडान के केंद्रीय बैंक में 25 करोड़ डॉलर जमा कर रहे हैं। तेल समृद्ध खाड़ी देशों ने सूडान के केंद्रीय बैंक को 50 करोड़ डॉलर रकम देने का वादा किया था और इसके आलावा 2.5 अरब डॉलर भोजन मुहैया करने, दवाइयां और पेट्रोलियम पदार्थो के लिए देने की प्रतिबद्धता दिखाई थी।
सऊदी के मंत्रालय ने कहा कि “यह कदम सूडानी पाउंड में वृद्धि के लिए था।” हालिया वर्षों में सूडान ने डॉलर की कमी की मार झेली है और वहां प्रदर्शन की शुरुआत का यह बेहद महत्वपूर्ण कारण था। सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के क्षेत्रीय हितो में सूडान की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
सूडान शिया बहुल ईरान से संघर्ष में रियाद का सहयोग करता है और यमन की जंग में संघर्ष के लिए सऊदी गठबंधन को सैनिक मुहैया करता है। दोनों खाड़ी देशों ने सूडान की सैन्य हुक्मरानो का समर्थन किया था, जिनका प्रदर्शनकारी पुरजोर विरोध कर रहे थे।
अक्टूबर 2017 में अमेरिका ने सूडान से 20 वर्ष पुराना व्यापार प्रतिबन्ध हटा लिया था इसकेबावजूद सूडानी मुद्रा में निरंतर गिरावट आ रही थी। सम्भावनाये थी कि अमेरिका प्रतिबंधों के हटने से आर्थिक क्षेत्र में सुधार होगा लेकिन यह योजना विफल साबित हुई थी और पाउंड पर दबाव बढ़ गया था। साल 2011 में दक्षिणी सूडान के अलगाव के बाद देश में आर्थिक संकट का दौर अधिक बढ़ गया था।