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    सूडान में प्रदर्शन

    सूडान की सैन्य हुकूमत ने सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति ओमर अल बशीर को घर पर नज़रबंदी से अब जेल में भेज दिया है। सूडान में प्रदर्शनकारी नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरण के लिए आर्मी काम्प्लेक्स के बाहर ही धरने पर बैठे हैं। 30 दशकों का बशीर का कार्यकाल बड़े नाटकीय तरीके से खत्म हुआ था।

    घर से जेल में हुए शिफ्ट

    सूत्र ने बताया कि राष्ट्रपति को मंगलवार की रात को खारर्तूम के कोबर जेल में ले जाया गया था। उत्तरी खारर्तूम के नजदीक गवाहों ने बताया कि “जेल के बाहर भारी स्तर पर सैनिकों और पैरामिलिट्री समूह के सदस्यों की तैनाती की गयी थी। गुरूवार को सेना द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद 75 वर्षीय राष्ट्रपति बशीर की कोई मालूमात नहीं है।

    हाल ही में देश के नए हुक्मरानो ने कहा था कि “उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।” राष्ट्रपति बशीर को नज़रबंद रखना प्रदर्शनकारियों को संतुष्टि नहीं दिला पायी थी। देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन की शुरुआत दिसंबर में हो गयी थी और सैन्य मुख्यालय के बाहर काफी दिनों से लोगो का प्रदर्शन जारी है।

    प्रदर्शनकारी फ़ादिया खलाफ ने बताया कि “हमने आंसू गैस का सामना किया, कई लोग जेल गए। कई लोगो को गोली मारी गयी और कई मर गए क्योंकि हम जो चाहते हैं हमने वही कहा था।” अधिकारीयों के मुताबिक दिसंबर से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन में 65 लोगो की मौत हुई है।

    जहां एक तरफ बशीर की गिरफ्तारी का जश्न मनाया जा रहा था वही प्रदर्शनकारियों को सेना की हुकूमत का भय था। खलाफ ने कहा कि “अब हमें डर है कि हमारी क्रांति हमसे चुरा ली जाएगी इसलिए हम यहां डेरा डालकर बैठे हैं। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती हम यही रहेंगे।

    प्रदर्शनकारियों की मांग

    गुरूवार को सत्ता अपने कब्जे में लेने के बाद सेना ने कहा कि “एक सैन्य परिषद् दो वर्षों तक देश का कार्यभार संभालेगी इससे प्रदर्शनकारी नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया था।” इसके एक दिन बाद ही रक्षा मंत्री जनरल आवड बिन ओफ को परिषद् के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।

    सूडान के विदेश मंत्री ने कहा कि “बुरहान पूर्ण नागरिक सरकार के गठन के लिए प्रतिबद्ध है। 55 सदस्यीय यूनियन ने सैन्य परिषद् को नागरिक हुकूमत को लागू करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। सऊदी अरब ने सेना को अपना समर्थन दिया है जिनके सैनिक यमन में सऊदी के गठबंधन का समर्थन करना जारी रखेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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