दक्षिणपंथी समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शुक्रवार को सूडान में प्रदर्शन के दौरान मृत प्रदर्शनकारियो के लिए न्याय की मांग की है। प्रदर्शनकारियो ने असंगत और गैर जरुरी हिंसा का सामना किया है। सूडान में बीते दिसम्बर से प्रदर्शन का दौर जारी है।
सूडान में पहले राष्ट्रपति ओमार अल बशीर के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था जिसे सेना ने सत्ता से उखाड़ फेंका था। प्रदर्शन आन्दोलन ने कहा कि “250 से अधिक प्रदर्शनकारियो की हिंसा से मौत हुई है इसमें करीब 127 जून में सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन पर बैठे लोगो पर कार्रवाई में मरे थे।”
एमनेस्टी के सेक्रेटरी जनरल कुमि नायडू ने पत्रकारों से खारर्तूम की यात्रा के दौरान कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सूडान की जनता द्वारा साहस, लचीलता और अन्याय व मानव अधिकारियो के उल्लंघन के विरोध प्रदर्शित करने के लिए शुक्रिया कहा है।
उन्होंने कहा कि “प्रदर्शनकारियो को बिषम हिंसा, हिंसा की गीत जरुरत और हिंसा के भड़काऊ इस्तेमाल कीसे जूओझ्ना पड़ा था। सुदानी जनता कि नई सरकार के गठन की मांग को एमनेस्टी इंटरनेशनल समर्थन करता है ताकि मृतकों के परिवारों को न्याय मिल सके।”
सूडान में प्रदर्शन दिसम्बर में शुरू हुआ था जब सरकार ने रोटी की कीमतों को तीन गुना करने का निर्णय लिया था। बशीर के खिलाफ समस्त राष्ट्र में अभियान शुरू हो गया था ताकि तीन दशको की तानाशाही को खत्म किया जा सके। सडको पर निरंतर प्रदर्शन के बाद 11 अप्रैल को बशीर को सत्ता से बाहर फेंक दिया था।
अगस्त में सूडान में प्रदर्शनकारी नेताओं और सेना के जनरलो के बीच सत्ता साझा करने का समझौता हुआ था। इसके बाद संयुक्त नागरिक-सैन्य सत्ताधारी सरकार ने शपथ ली थी। रविवार को कैबिनेट के पहले 18 सदस्यों ने शपथ ली थी।