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    सूडान में ख़ुशी की लहर

    सूडान में रविवार को प्रमुख प्रदर्शनकारी समूह ने तत्काल सत्ता को सिविलियन ट्रांज़िशनल गवर्मेंट के सुपुर्द करने की मांग की है और कहा कि वे सड़कों पर प्रदर्शन जारी रखेंगे। बीते महीनो से प्रदर्शन के कारण विगत सप्ताह सेना ने 30 वर्षों से मुल्क पर हुकूमत कर रहे राष्ट्रपति ओमर अल बशीर को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

    सरकार के गठन को तैयार सेना

    रायटर्स के मुताबिक सूडानी प्रोफेशनल एसोसिएशन ने सेना से संरक्षित ट्रांज़िशनल कॉउन्सिल के गठन की मांग की थी। साथ ही कहा कि “क्रांति के सभी उद्देश्यों को हासिल करने के लिए वे सभी प्रकार शांतिपूर्ण दबाव को बनाएगी।” मिलिट्री कॉउन्सिल ने विगत रविवार को राष्ट्रपति बशीर को हटा दिया था।

    साथ ही रविवार को देर रात सैन्य परिषद् ने रक्षा मंत्री आवड इब्न औफ के सेवानिवृत्त होने की जानकारी भी सार्वजानिक की थी। इब्न औफ और उनके डिप्टी ने ट्रांजीशन कॉउन्सिल से इस्तीफा दे दिया था। परिषद् ने लेफ्टिनेंट जनरल अबू बक्र मुस्तफा को इंटेलिजेंस चीफ के तौर पर नियुक्त किया है। उन्होंने पूर्व प्रमुख सलह घोष की जगह ली है जिन्होंने बीते शुक्रवार को त्यागपत्र दिया था।

    टान्सिशनल कॉउन्सिल के प्रवक्ता ने रविवार को खारर्तूम में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “नयी सरकार के गठन के लिए सेना विपक्षी दलों के साथ कार्य करने के लिए तैयार है। गेंद अब राजनीतिक ताकतों के पाले में हैं। अगर वह आज किसी चीज़ पर रज़ामंदी को तैयार है तो हम उस पर अमल करने के लिए तैयार है।”

    विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों की बैठक

    परिषद् के अन्य सदस्य लेफ्टिनेनेट जनरल ओमर जैन अबिदीन ने कहा कि “विपक्षियों के समक्ष अपने सुझाव देने के लिए एक सप्ताह का समय है।” कॉउन्सिल के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने कहा था कि “परिषद् ने प्रमुख विपक्षी पार्टियों और प्रदर्शन आयोजनकर्ताओं को बैठक के लिए बुलाया है। लेकिन एसपीए ने इस बैठक में शिरकत नहीं की थी।”

    एसपीए के प्रवक्ता ने रायटर्स से कहा कि “हमें इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। हम सरकार से सम्बंधित अपने सुझाव परिषद् को सौंप देंगे।” रायटर्स के मुताबिक इस बैठक में अधिकतर अज्ञात राजनेता और सांसद मौजूद थे जो बशीर की पार्टी के वफादार थे।

    हज़ारो प्रदर्शनकारी रक्षा मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठे हैं और सड़को पर पहली बार लोगो के नारो और मार्च को टीवी पर दिखाया जा रहा है। जबकि एंकर ने उनकी क्रांति के लिए उन्हें बधाई दी। एसपीए ने परिषद् में नागरिकों के भी शामिल होने की मांग की है साथ ही बशीर के करीबियों को परिषद् छोड़ने को कहा है। उन्होंने दिग्गज नेशनल इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी सर्विस जनरल्स की गिरफ्तारी की मांग की है। इसमें पूर्व प्रमुख सलह घोष भी शामिल हैं।

    सेना के मुताबिक राष्ट्रपति बशीर को पहले से ही नज़रबंद कर रखा है। कबशी ने कहा कि “पूर्व सरकार की सम्पत्तियों को जब्त करने के लिए एक कमिटी का गठन होना चाहिए। साथ ही सेना को प्रदर्शन में शामिल सभी आर्मी और पुलिस अफसरों को रिहा कर देना चाहिए।

    21 वर्षीय छात्र ने कहा कि “जब तक हम मांगो पर आर्मी की प्रतिक्रिया नहीं सुन लेते यही बैठे रहेंगे। हम क्रांति की हाईजैकिंग से रक्षा करेंगे। हमारी मांगे स्पष्ट है और अभी तक हासिल नहीं हुई है, फिर हम कैसे घर जा सके हैं। हमारा यहां बैठा ही हमारे सबसे खतरनाक हथियार है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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