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    यूरोपीय संघ

    यूरोपीय संघ ने सोमवार को सूडानी सैन्य परिषद् से नागरिकों को सत्ता सौंपने की मांग की है। ईयू के विदेश मामलो और सुरक्षा नीतियों की प्रवक्ता माजा कोसिजंसिक ने कहा कि “ताकत के इस्तेमाल को तीव्र करने का निर्णय सिर्फ राजनीतिक प्रक्रिया को बेपटरी कर देगा। यूरोपीय संघ की प्राथमिकता हमेशा नागरिक विभाग को सत्ता का हस्तांतरण करना रही है।”

    उन्होंने कहा कि “सूडान में जारी राजनीतिक संकट पर ईयू बेहद नजदीकी से निगरानी बनाये रखे हैं। इसमें नागरिक प्रदर्शनकारियों पर हमला भी शामिल है। हम ट्रांज़िशनल मिलिट्री कॉउन्सिल से उत्तरदायी भूमिका निभाने की मांग करते हैं और नागरिकों द्वारा अपनी चिंता को जाहिर करने के अधिकारों का सम्मान करते हैं।”

    सोमवार को खारर्तूम में स्थित सैन्य मुख्यालय के समीप स्थित प्रदर्शनकारी कैंप में सूडानी सुरक्षा सेना ने धावा बोला था जिसमे 13 नागरिकों की मौत हो गयी थी और कई जख्मी थे।  हफ्तों से हज़ारो प्रदर्शनकारी सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और सेना के नेताओं से हुकूमत त्यागने की मांग पर अडिग है।

    सूडान के नेताओं ने बीते हफ्ते विपक्ष के गठबंधन के साथ तीन वर्षो के लिए सत्ता साझा समझौते का ऐलान किया था। शुरुआत में प्रदर्शनकारी नेताओं ने दो वर्षों के ट्रांज़िशनल पीरियड के लिए आग्रह किया था लेकिन प्रदर्शनकारी नेता चार वर्षों का चाहते थे।

    प्रदर्शन की एक आयोजक सूडानी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन (एसपीए) ने कहा कि सेना ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोला बारूद और व्यापक बल का प्रयोग किया।

    वर्ष 1989 में तेल-समृद्ध देश में तख्तापलट का नेतृत्व करने के बाद सत्ता संभालने वाले अल-बशीर को अप्रैल में एक सैन्य तख्तापलट में हटा दिया गया और सरकार के विरुद्ध चले महीनों के प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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