सैंट्रल कमिटी ऑफ़ सूडान डॉक्टर्स के मुतबिक, बीते हफ्ते सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 60 आज़ादी समर्थको की मृत्यु हो गयी है और 300 से अधिक घायल हो गये है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सूडान की सेना सत्त्ता की बागडोर नागरिक सरकार के हवाले कर दे।
अप्रैल में सूडानी के राष्ट्रपति को सेना ने सत्ता से उखाड़ फेंका था और हुकूमत सेना के हाथो में चली गयी थी। सीएनएन के मुताबिक, सोमवार को हिंसा की शुरुआत हुई जब सेना ने प्रदर्शनकारियों के प्रमुख शिविर पर धावा बोला था। कई लोग बुरी तरह घायल है और उनके सेहत बिगड़ रही है।
गवाहों के हवाले सीएनएन ने कहा कि “पुलिस और पैरामिलिटरी फाॅर्स ने तत्काल प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी में सेना का साथ दिया था। जबकि कई सैनिको ने सड़को पर प्रदर्शन कर रहे लोगो को बुरी तरह पीटा था” सीसीएसडी के मुताबिक, मंगलवार को एक महिला को गोलियों से भून डाला था।
सूडान के कई क्षेत्रों में कई इंटरनेट प्रोवाइडर्स ने इंटरनेट कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने सेना से सत्ता छोड़ने की मांग की है और सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से नागरिक सरकार को हस्तांतरण करने को कहा है। हफ्तों से हज़ारो प्रदर्शनकारी सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और सेना के नेताओं से हुकूमत त्यागने की मांग पर अडिग है।
सैन्य परिषद् के नेता अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने मंगलवार को कहा कि “सूडान में चुनाव अगले नौ महीनो में आयोजित किया जायेगा।”
सूडान के नेताओं ने बीते हफ्ते विपक्ष के गठबंधन के साथ तीन वर्षो के लिए सत्ता साझा समझौते का ऐलान किया था। शुरुआत में प्रदर्शनकारी नेताओं ने दो वर्षों के ट्रांज़िशनल पीरियड के लिए आग्रह किया था लेकिन प्रदर्शनकारी नेता चार वर्षों का चाहते थे।