सूडानी विभाग ने गुरूवार को अलजजीरा के खारर्तूम में स्थित दफ्तर को बंद कर दिया गया था। देश के सैन्य मुख्यालय के बाहर हज़ारो की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सैन्य हुक्मरानो से सत्ता का हस्तांतरण करने की मांग की थी। हफ्तों से जारी प्रदर्शन का मुख्य केंद्र सैन्य परिसर बन गया है।
प्रदर्शनकारियों ने देश की ट्रांज़िशनल मिलिट्री कॉउन्सिल से सत्ता का हस्तांतरण करने की मांग की है। सूडान के अपदस्थ राष्ट्रपति ओमर अल बशीर को अप्रैल में सेना ने सत्ता से बाहर कर दिया था। बीते गुरूवार को क़तारी टेलीविज़न चैनल ने कहा कि “ब्यूरो को बंद कर दिया गया था और उनके पत्रकारों को देश में रिपोर्टिंग करने से इंकार कर दिया है, और इसका कोई कारण भी नहीं दिया गया है।
ब्यूरो डायरेक्टर अल मुसल्लामी अल काब्बाशी ने कहा कि “उन्होंने हमसे कहा कि सैन्य परिषद् ने अल जजीरा के दफ्तर को बंद करने का निर्णय लिया है और लाइसेंस को रद्द कर दिया था।” इस न्यूज़ चैनल को दोहा फंड मुहैया करता है और वह पूर्व राष्ट्रपति बशीर काफी करीबी है।
अल जजीरा ने बयान में कहा कि “यह मीडिया की आज़ादी, पेशेवर पत्रकारिता और लोगो के अधिकारों के मूल सिद्धांतो पर हमला है। विभागों को नागरिकों की सुरक्षा की गुरंटी के तहत कार्य करना चाहिए और असुरक्षा व अराजकता की घटनाओं का समाधान करना चाहिए।”
गुरूवार को प्रदर्शनकारियों ने नागरिक सरकार के पक्ष में नारे लगाए, गाने गाये और सूडानी ध्वजों को फेहराया था और इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा शामिल थे। एक युवा प्रदर्शनकारी मोहमद हसन ने कहा कि “हम ट्रांज़िशनल कार्यकाल में यहां नागरिक विभाग से अपनी मूल मांग की पुष्टि के लिए एकत्रित है।”
फ्रीडम एंड चेंज प्रदर्शन आंदोलन के गठबंधन ने गुरूवार को ‘मिलियन स्ट्रांग मार्च’ का आवाहन किया था। प्रदर्शनकारी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि “हमारी क्रांति के लक्ष्यों पर शांतिपूर्ण तरीके से पंहुचा जायेगा, न कि हिंसा से।”
सैन्य परिषद् और प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक ट्रांजीशन के कई पहलुओं पर रज़ामंदी जाहिर की थी। 11 अप्रैल को सेना ने तीन दशक के बाद बशीर को सत्ता से बाहर कर दिया था। अरब ताकतों द्वता समर्थित जनरल ने अफ्रीकी और पश्चिमी सरकारों की मांग को ठुकरा दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने सैन्य मुख्यालय के बाहर बैठे हुए आज़ादी, शांति, न्याय, नागरिक सरकार ही जनता का चयन है। नाडा हाशिम ने कहा कि “हम एक नागरिक राज्य चाहते हैं जो हमारी महिलाओं के अधिकारों की गारंटी दे और गरिमापूर्ण जिंदगी की गारन्टी भी दे।”
सैन्य परिषद् के प्रमुख जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने गुरूवार को अरब और मुस्लिम नेताओं के सम्मेलन में शिरकत की थी।