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    सूडानी जनता

    सूडान के आर्मी हुक्मरान जनरल अब्देल फ़त्ताह अल बुरहान ने कहा कि “नागरिक हुकूमत के गठन के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ वार्ता 72 घंटो के लिए स्थगित हो गयी है।”

    उन्होंने कहा कि “नागरिक सरकार पर वार्ता को हमने 72 घंटे तक स्थगित करने का निर्णय लिया है ताकि समझौते को आखरी स्वरुप देने के वातावरण की तैयारियां कर सके।” उन्होंने प्रदर्शनकारियों से मांग की कि वह खारर्तूम में सड़कों को जाम न करे। राजधानी और अन्य क्षेत्रों को जोड़ने वाले पुलों को खोल दें और सुरक्षा बलो को न उकसाये।

    आर्मी जनरलो और प्रदर्शनकारी नेता आगामी तीन वर्षों के सरकार के गठन के लिए समझौते को अंतिम स्वरुप देने की संभावनाएं देख रहे हैं। नागरिक सरकार के गठन में यह पड़ाव सबसे अधिक मुश्किल है। तीन दशकों तक सूडान की सत्ता पर काबिज अपदस्थत राष्ट्रपति ओमार अल बशीर के बाद सैन्य परिषद् के प्रमुख बुरहान ने हुकूमत की बागडोर संभाली थी।

    उन्होंने इस वार्ता के सबसे अहम और अंतिम चरण को स्थगित करने का औचित्य सिद्ध किया था। उन्होंने कहा था कि “राजधानी में सुरक्षा हालात बेहद खराब है। पल, रेलवे लाइन बंद है और प्रदर्शनकारियों में हथियारबंद तत्वों ने घुसपैठ की है जो सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर रहे हैं।”

    प्रदर्शनकारी नेता ने शुरुआत में कहा था कि सैन्य परिषद् ने वार्ता को स्थगित कर दिया है। सेना से नागरिक प्रशासन को सत्ता थमाने के लिए काफी समय से बातचीत जारी है और इसके लिए काफी इन्तजार भी करना पड़ा है। सोमवार को राजधानी में हिंसा से छह लोगो की मौत हो गयी थी।

    खारर्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर एक अज्ञात हमलावर ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी थी। सूडान सेना के हुक्मरान और प्रदर्शनकारी नेताओं ने बुधवार को नागरिक प्रशासन को सत्ता के हस्तांतरण के लिए तीन वर्षो के ट्रांजीशन पीरियड पर रज़ामंदी जाहिर कर दी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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