फ्रांस के विदेश मंत्री ली ड्रिअन ने शुक्रवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से फोन पर बातचीत की थी और उन्हें मसूद अज़हर की संपत्ति पर लगाए गए प्रतिबंधों की जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि “फ़्रांसिसी विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज को जैश ए मोहम्मद के सरगना के खिलाफ पेरिस द्वारा उठाये गए कदम के बाबत सूचना दी थी।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “फ्रांस ने मसूद अज़हर की संपत्ति को जब्त कर उस पर राष्ट्रीय स्तर के प्रतिबन्ध थोप दिए हैं। फ्रांस के मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री को बताया कि उन्होंने इस मसले को यूरोपीय संघ के समक्ष भी उठाया है। उन्होंने दोहराया कि फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भारत के साथ था और हमेशा रहेगा।”
France sanctions Masood Azhar:
Joint Press Release from The Ministry of Europe and Foreign Affairs,The Ministry of Economy & Finance & The Ministry of the Interior. @IndAmbFrance @MEAIndia @PMOIndia @SushmaSwaraj @celinecalvez
Complete joint press release⬇️https://t.co/Nc6F7IgccD— India in France (@IndiaembFrance) March 15, 2019
सुषमा स्वराज ने फ्रांस के विदेश मंत्री के दृढ़ समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया था और कहा कि भारत आतंक रोधी फ्रंट पर सहयोग करना जारी रखेगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह कार्रवाई भारत के साथ साझेदारी की प्रतिक्रिया का भाग था और जिम्मेदार राष्ट्रों के अंतरार्ष्ट्रीय विचारो के अनुरूप था। इसमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और समस्त विश्व में सीमा पार आतंकवाद शामिल था।”
हाल ही में फ्रांस ने जैश ए मोहम्मद के संस्थापक और सरगना मसूद अज़हर की अपने देश में स्थित संपत्ति को जब्त करने का निर्णय लिया है। फ्रांस ने कहा कि वह मसूद अज़हर को यूरोपीय यूनियन की सूची में शामिल करने पर भी विचार कर रहा है, जिसमे आतंकवाद में संलिप्त संदिग्धों का नाम शामिल होता है।
पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आतंकवादी घटना हुई, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान में स्थित जैस-ए-मोहम्मद नें ली थी। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक अंतराष्ट्रीय आतंकवादी संस्था है।
मसूद अज़हर ने भारत में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 सीआरपीएफ के जवानों की मृत्यु हुई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था।