भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आगामी मुलाकात चीनी विदेश मंत्री वांग यी और रूस विदेश मंत्री सेर्गेय लावरोव से करेंगी। हाल ही में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की थी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद क्षेत्रीय हालातों से वाकिफ करवाया था।
ईयू की हिदायत
यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को उसकी सरजमीं पर स्थित आतंकिवादियों के खिलाफ स्पष्ट और निरंतर कार्रवाई करने की हिदायत दी है। साथ ही न सिर्फ यूएन द्वारा प्रतिबंधित बल्कि आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेने वालो के खिलाफ भी कड़ी करवायो के लिए कहा है।
आगामी बुधवार को संघाई से 130 किलोमीटर दूर सुषमा स्वराज वुझेन की यात्रा पर रूस-भारत-चीन की त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होंगी। साथ ही चीनी विदेश मंत्री और रुसी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकों का भी आयोजन किया जायेगा।सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज इस बैठक में यूएन की आतंकियों की सूची में अज़हर मसूद को रखने के मुद्दे को उठाएंगी।
पूर्व में भारत के केप्रयास असफल साबित हुए हैं लेकिन भारत इस मौके का इस्तेमाल भी करना चाहता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार “सभी मंत्री वैश्विक हालातों, आतंकवाद और क्षेत्रीय विकास पर अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगे।
यूएन ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “सुरक्षा परिषद् के सदस्य जम्मू कश्मीर में हुए इस घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा सकते हैं। इस हमले में 40 भारतीय जवानों की मृत्यु हो गयी थी और दर्जनों सैनिक बुरी तरह जख्मी थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है।”
साथ ही यूएन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। यूएन ने कहा “सुरक्षा परिषद् के सदस्य पीड़ितों के परिवारों और भारत सरकार व भारतीय जनता के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही जख्मी सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
जेईएम के सरगना मसूद अज़हर द्वारा पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाबत चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “आतंक से सम्बंधित वारदातों की चीन नजदीकी से समीक्षा कर रहा है। कल, सुरक्षा परिषद् ने बयान जारी कर एक संगठन का नाम लिया था, उसका सन्दर्भ सिर्फ सामान्य था, इसका हमले के निर्णय से कोई नाता नहीं है।”