भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-यूएई के 12 वें सम्मेलन में अबू धाबी शरीक हुई है। सुषमा स्वराज यह आधिकारिक यात्रा 3 से 4 दिसम्बर तक आयोजित होनी है। इस बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएई के समकक्षी शेख अब्दुल्ला बिन ज़ायेद अल नहयान से मुलाकात करेंगी ।
भारत और यूएई एक दुसरे के सबसे बड़े व्यापार साझेदारों में से एक हैं और द्विपक्षीय निवेश के स्तर को बढ़ाएंगे। दोनों राष्ट्रों के मध्य अभी 50 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। भारत का यूएई छठां सबसे बड़ा तेल निर्यातक है और वहां भारतीय समुदाय के 3.3 मिलियन नागरिक हैं।
यूएई में नियुक्त भारतीय राजदूत ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री का यूएई में आगमन का इंतज़ार कर रहे हैं ताकि वह इस बैठक का सह नेतृत्व कर सकें। नवदीप सिंह सूरी ने कहा कि यह यात्रा सरकार के आला अधिकारियों के मध्य द्विपक्षीय संवाद के चलन को जारी रखेगा। इस बैठक के दौरान दोनों राष्ट्र प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर अपने विचार रखते है और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को में एक मजबूती लाते हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च स्तर की यात्रा से कई नए क्षेत्रों मसलन ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक, रक्षा और अन्य में नए विचार साझा करने में मदद मिलती है। यूएई के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के आलावा सुषमा स्वराज अबुधाबी में गाँधी-ज़ायेद डिजिटल म्यूजियम का उद्घाटन भी करेंगी। यह महात्मा गन्दी की 150 वीं सालगिरह और शेख ज़ायेद की 100 वीं सालगिरह के ख़ुशी के अवसर में संपन्न होगा।
इसके आलावा भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबू धाबी में भारतीय समुदाय से रूबरू भी होंगी। यह भारत और यूएई के संबंधों को मज़बूत करने एक का एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। हाल ही में यूएई ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद के लिए 3 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया था। पाकिस्तान के इमरान खान सत्ता में आने के बाद सबसे पहले आधिकारिक यात्रा पर यूएई ही गए थे।