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    सुषमा स्वराज

    बुल्गारिया की यात्रा पर गयी सुषमा स्वराज ने भारत को अवसरों की सरजमीं कहा और बुल्गारिया में रह रहे भारतीयों को निवेश के लिए आमंत्रित किया और परिवर्तन के सफर में भाग लेने के लिए कहा था। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में समुदाय की भूमिका को सराहा था।

    सुषमा स्वराज ने कहा कि “भारतीय और बुल्गारिया की जनता की दशकों से करीबी दोस्ती रही है। पुरातन समय से भारतीय एकजुट होकर रहने में यकीन करते है। यही सार्वभौमिक दृष्टिकोण और सादगी बुल्गारिया में भी देखने को मिलती है।”

    बुल्गारिया की यात्रा करने वाली वह पहली भारतीय विदेश मंत्री है। उन्होंने कहा कि “भारत और बुल्गारिया का लोकतंत्र मजबूत और जीवंत, बहुधार्मिक और बहुसंजातीय समाज पर टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि बहुलवाद, सहिष्णु और सामाजिक सामंजस्य हमारे राष्ट्रों के स्वभाव को दर्शाते हैं।”

    सुषमा स्वराज ने कहा कि “भारत ने हमेशा बुलगारिया को सच्चे मित्र के तौर पर देखा है और यकीन है कि यह द्विपक्षीय साझेदारी आगामी समय में अधिक मजबूत होगी। विदेशों में रहने वाला भारतीय समुदाय देश की परिवर्तनीय शैली का भाग है। उन्होंने भारतीय समुदाय से भारत की विकास प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया था।”

    sushma swaraj in bulgaria

    सुषमा स्वराज ने कहा कि, “निसंशय आपने यहां बेहतर किया है, लेकिन कई मौके भारत में आपका इंतजार कर रहे हैं। भारत के परिवर्तनीय सफर में आपका स्वागत है। भारत के बाहर रह रहे लोगों का कल्याण हमारी सरकार या खासकर मेरी प्राथमिकता है। हमने आपको भारत से बेहतर तरीके से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए है। हमने ओसीआई स्कीम को सरल बना दिया है।”

    उन्होने कहा कि “हमने नई दिल्ली में आपके लिए प्रवासी भारतीय केन्द्र बनाया है, जो भारत में आपका स्थाई आवास होगा। मैंने राज्य सभा में एनआरआई शादी का मसौदा रखा है, जिसमें विदेशों में शादी कर रही भारतीय महिलाओं का उत्पीड़न न हो।”

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “सोफिया के साऊथ पार्क में सुषमा स्वराज ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इस प्रतिमा के शिल्पकार बुल्गारिया के दिग्गज इवान रुसेव थे और इसका अनावरण बीते साल सितंबर में राष्ट्रपति जी ने किया था।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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