भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज क़तर की यात्रा पर रविवार को पहुंच चुकी है। इस यात्रा का मकसद चर्चा को आगे बढाने के साथ ही भारत के साथ क़तर के संबंधो को मज़बूत बनाने के बाबत बातचीत है। सुषमा स्वराज क़तर और कुवैत की चार दिवसीय यात्रा पर गयी हैं।
गल्फ टाइम्स के मुताबिक क़तर की यात्रा के दौरान सुषमा स्वराज अपने क़तर के समकक्षी और उपप्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात करेंगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत से पहली बार कोई विदेश मंत्री क़तर की यात्रा पर गया है। भारत की विदेश मंत्री की प्रतिनिधित्व स्तर पर अपने क़तर के समकक्षी से बातचीत करेंगी। साथ ही भारतीय समुदाय को संबोधित भी करेंगी।
इस यात्रा का मकसद भारत का खाड़ी देशों के साथ संबंधो को बेहतर करना है। भारत और क़तर के बीच सदियों से ऐतिहासिक बहुआयामी सम्बन्ध रहे हैं। क़तर के विदेश मंत्री मार्च 2015 में द्विपक्षीय समझौते के लिए नई दिल्ली के दौरे पर आये थे और दिसम्बर 2016 में क़तर के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आये थे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2016 में पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधो को मज़बूत करने और दोनों राष्ट्रों के मध्य समझौतों को दोबारा बेहतर करने लिए गए थे।
क़तर में सात लाख भारतीय निर्वासित है जो क़तर का विशाल समुदाय है। भारत और क़तर ऊर्जा सहभागी है। वह भारत की 50 प्रतिशत से अधिक प्राकृतिक गैस की जरुरत की पूर्ती करता है।
भारत और क़तर के मध्य 2017-18 में 9.9 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है। इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कुवैत के दौरे पर जाएँगी। कुवैत के साथ भारत के नजदीकी और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध है।