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    सुषमा स्वराज कतर दौरा

    भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्विपक्षीय वार्ता के लिए चार दिवसीय क़तर और कुवैत की यात्रा पर गयी है। भारत और क़तर ने सोमवार को दोनों राष्ट्रों के मध्य रिश्तों को मज़बूत करने के लिए जॉइंट कमीशन का गठन करने का फैसला लिया है। यह कमीशन सभी द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करेगा, साथ ही साझे हित के क्षेत्रिय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करेगा।

    जॉइंट कमीशन के गठन का निर्णय भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और क़तर के समकक्षी शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने बातचीत के दौरान लिया था। सुषमा स्वराज की यह दोहा की पहली यात्रा है। बातचीत के बाद साझा ऐलान में बताया कि दोनों राष्ट्रों ने जॉइंट कमीशन के गठन का फैसला लिया है।

    साझे बयान में बताया गया कि जॉइंट कमीशन में दोनों राष्ट्रों के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि इसका प्रतिनिधित्व करेगे। साथ ही द्विपक्षीय विवादों से सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी कमीशन का हिस्सा होंगे। जॉइंट कमीशन का मकसद दोनों राष्ट्रों के संबंधों को मज़बूत करना होगा। प्रतिनिधियों को आर्थिक, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सूचना तकनीकी और शिक्षा के विभाग में सहयोग करना होगा।

    इस विभाग का काम दोनों राष्ट्रों के मध्य हो रहे समझौतों को लागू करना होगा साथ ही प्रोजेक्ट में आ रही दिक्कतों का उचित हल निकलना होगा। क़तर के विदेश मंत्री साल 2016 में द्विपक्षीय यात्रा के लिए आये थे साथ ही क़तर के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बिन नासिर खलीफा अल थानी ने दिसम्बर 2016 में भारत का दौरा किया था।

    भारत के प्रधानमंत्री जून 2016 में क़तर की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान दोनों राष्ट्रों के मध्य पारंपरिक सम्बन्धी मज़बूत हुए थे साथ ही दोनों देशों के मध्य समझौते मजबूत हुए थे।

    क़तर में साथ लाख भारतीय निर्वासित है जो वहां की सबसे बड़ा समुदाय है। भारत की 50 प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति क़तर करता है। सुषमा स्वराज इस यात्रा के बाद कुवैत के दौरे पर जाएँगी। कुवैत के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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