भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्विपक्षीय वार्ता के लिए चार दिवसीय क़तर और कुवैत की यात्रा पर गयी है। भारत और क़तर ने सोमवार को दोनों राष्ट्रों के मध्य रिश्तों को मज़बूत करने के लिए जॉइंट कमीशन का गठन करने का फैसला लिया है। यह कमीशन सभी द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करेगा, साथ ही साझे हित के क्षेत्रिय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करेगा।
Qatar mein Bharat!
EAM @SushmaSwaraj interacted with the vibrant Indian community in Qatar. EAM appreciated the contribution of the large and diverse Indian community to Qatar’s progress.EAM also responded to thier queries & released an information booklet for Indians in Qatar. pic.twitter.com/eDGKP0HIIu— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 29, 2018
जॉइंट कमीशन के गठन का निर्णय भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और क़तर के समकक्षी शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने बातचीत के दौरान लिया था। सुषमा स्वराज की यह दोहा की पहली यात्रा है। बातचीत के बाद साझा ऐलान में बताया कि दोनों राष्ट्रों ने जॉइंट कमीशन के गठन का फैसला लिया है।
साझे बयान में बताया गया कि जॉइंट कमीशन में दोनों राष्ट्रों के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि इसका प्रतिनिधित्व करेगे। साथ ही द्विपक्षीय विवादों से सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी कमीशन का हिस्सा होंगे। जॉइंट कमीशन का मकसद दोनों राष्ट्रों के संबंधों को मज़बूत करना होगा। प्रतिनिधियों को आर्थिक, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सूचना तकनीकी और शिक्षा के विभाग में सहयोग करना होगा।
Taking the agenda forward.
EAM @SushmaSwaraj called on Emir of Qatar, Sheikh Tamim Bin Hamad Al Thani.Recalled with fondness the visit of Emir to India in March 2015 that was reciprocated by PM Modi in June 2016 & discussed ways to move forward on the roadmap set by the leaders. pic.twitter.com/3YK01cmaF1— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 29, 2018
इस विभाग का काम दोनों राष्ट्रों के मध्य हो रहे समझौतों को लागू करना होगा साथ ही प्रोजेक्ट में आ रही दिक्कतों का उचित हल निकलना होगा। क़तर के विदेश मंत्री साल 2016 में द्विपक्षीय यात्रा के लिए आये थे साथ ही क़तर के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बिन नासिर खलीफा अल थानी ने दिसम्बर 2016 में भारत का दौरा किया था।
भारत के प्रधानमंत्री जून 2016 में क़तर की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान दोनों राष्ट्रों के मध्य पारंपरिक सम्बन्धी मज़बूत हुए थे साथ ही दोनों देशों के मध्य समझौते मजबूत हुए थे।
क़तर में साथ लाख भारतीय निर्वासित है जो वहां की सबसे बड़ा समुदाय है। भारत की 50 प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति क़तर करता है। सुषमा स्वराज इस यात्रा के बाद कुवैत के दौरे पर जाएँगी। कुवैत के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध है।