अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद् से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने ट्वीट कर के इस बारे में बताया। हालाँकि उनके इस्तीफे में सबसे चौकाने वाला रहा इस्तीफे की तारीख। ट्वीट के मुताबिक़ उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर को इस्तीफ़ा दिया था लेकिन ये सार्वजानिक हुआ 11 दिसंबर को।
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि “मैंने 1 दिसंबर को पार्ट-टाइम सदस्य पीएमईएसी के रूप में इस्तीफा दे दिया ”
Am in the TV studios CNN IBN ; as I explained in my 6.30 am tweet I resigned from the pmeac and the reasons were also given – consultancy with CNN IBN and work on a book about indian elections since 1952 and my resignation was effective Dec 1 when I joined CNN IBN
— Surjit Bhalla (@surjitbhalla) December 11, 2018
सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ प्रधानमंत्री द्वारा उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया है।
भल्ला से पहले कई अर्थशास्त्री विगत एक साल में अपना इस्तीफ़ा सौंप चुके हैं। इससे पहले निति आयोग के अध्यक्ष अरविन्द पनगरीया, पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रह्मण्यम भी इस्तीफ़ा दे चुके हैं।
सोमवार 10 दिसंबर को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने भी अपना इस्तीफ़ा दे दिया था। उनका कार्यकाल सितम्बर 2019 में ख़त्म होना था लेकिन सरकार और आरबीआई के बीच जारी विवाद और खींचतान के बीच उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद विपक्ष सहित कई पूर्व अर्थशास्त्रियों ने सरकार पर निशाना साधा और सरकार पर आरोप लगाया कि वो देश के केन्द्रीय एंजेंसियों की स्वायत्ता को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद् की स्थापना सितम्बर 2017 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी। इसमें 5 सदस्य थे। इस वक़्त इस परिषद् की के अध्यक्ष निति आयोग के सदय बिबेक देबरॉय हैं और उनके अतिरिक्त इस परिषद् के अन्य सदस्य रथिन रॉय, आशिमा गोयल, शमिका रवि और रतन वाटल हैं।
इस परिषद् ने नौकरियों, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक खर्च और कृषि जैसे विकास और रोजगार को पुनर्जीवित करने के वाले 10 क्षेत्रों की पहचान की।
भल्ला ने अपने इस्तीफ़ा देने के कारणों के बारे में कोई घोषणा नहीं की।