भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी विशेष रूप से संयम के लिए नहीं जाने जाते हैं। राजनीतिक विरोधियों (और कभी-कभी पार्टी के सहयोगियों) के खिलाफ उनके हमलों बहुत बार अतिवादी भी हो जाते हैं। लेकिन स्वामी ने शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए हाल ही में कांग्रेस के महासचिव नियुक्त किए गए प्रियंका गांधी वाड्रा पर अपने विशुद्ध रूप से एक द्विध्रुवी (बाइपोलर) टिपण्णी करके उन्होंने एक जंग छेड़ दी है।
उन्होंने कहा था-“उसको एक बीमारी है जो सार्वजनिक जीवन में अनुकूल और उपयुक्त नहीं है, उसको बीपोलैरिटी कहते हैं यानि उसकी हिंसावादी चरित्र दिखाई पड़ता है, लोगो को पीटती है। पब्लिक को पता होना चाहिए कि कब संतुलन खो बैठेगी, किसी को पता नहीं।”
S Swamy on #PriyankaGandhiVadra : Usko 1 bimari hai jo sarvjanik jivan mein anukool aur upyukt nahi hai, usko bipolarity kehte hain yaani uski hinsawadi charitra dikhai padti hai, logon ko peet'ti hai. Public ko pata hona chaiye ki kab santulan kho baithegi, kisi ko pata nahi. pic.twitter.com/psVoVcbnvx
— ANI (@ANI) January 27, 2019
वैसे प्रियंका गाँधी के राजनीतिक प्रवेश पर टिपण्णी करने वाले भाजपा नेता केवल वो ही नहीं है। उनसे पहले भी, कैलाश विजयवर्गीय ने एक विवादित बयां दिया था। उन्होंने कहा था कि कभी भोपाल से करीना कपूर खान को लाने की मांग होती है तो कभी इंदौर से सलमान खान का नाम आता है और इसी तरह प्रियंका को कांग्रेस की सक्रीय राजनीती में लाया जाता है।
उन्होंने ये भी कहा कि मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस के पास कोई मजबूत नेता नहीं है और इसलिए वे चॉकलेटी चेहरों के माध्यम से चुनाव लड़ना चाहती है। अगर कांग्रेस में राहुल गांधी के नेतृत्व के प्रति आत्मविश्वास होता, तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं लाया जाता।
हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने चॉकलेटी शब्द का इस्तेमाल बॉलीवुड अभिनेताओं के लिए किया है नाकि राजनेताओं के लिए। और ये भी कहा कि किसी भी बयां को गलत तरीके से पेश करने से पहले, उसकी जाँच करनी चाहिए।