केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने मंगलवार को जांच एजेंसी के मुख्य आलोक वर्मा के खिलाफ विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने वाले कुछ सीबीआई अधिकारियों की जांच की।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पुलिस अधीक्षक से लेकर इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अधिकारियों को बुलाया गया और उनके बयान सीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष दर्ज किए गए।
मंगलवार को बयान दर्ज करने वाले अधिकारियों में मोईन कुरेशी रिश्वत मामले, आईआरसीटीसी घोटाला जिसमे पूर्व रेल मंत्री लालू यादव की संलिप्तता थी, मवेशी तस्करी के मामले, जिसमे एक BSF अधिकारी को नकद के साथ पकड़ा गया था जैसे हाई प्रोफ़ाइल केस को संभालने वाले अधिकारी शामिल थे।
कुछ अधिकारियों को CBI हेडक्वॉर्टर से बुलाया गया था और कुछ अधिकारियों को CBI के जोनल कार्यालयों से बुलाया गया था।
अधिकारियों से उन मामलों की जांच का ब्योरा देने के लिए कहा गया था जिन मामलों में वर्मा द्वारा कथित हस्तक्षेप के आरोप सामने आए हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने CVC को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था। एक दुसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले 2 CBI अधिकारियों को जब केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया तो इन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
वर्मा और अस्थाना के बीच लड़ाई तब चरम पर पहुँच गई थी जब वर्मा ने अस्थाना और एक पुलिस अधिकारी देवेंद्र कुमार के खिलाफ एक भ्रष्टाचार केस में FIR दर्ज कर लिया था।
CBI ने 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के बिजनेसमैन सना सतीश बाबू से 2 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप में अस्थाना के खिलाफ FIR दर्ज किया था।