सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व अन्तरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी पते हुए उनके खिलाफ समन जारी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार शेल्टर होम रेप केस मामले में नियुक्त जाँच अधिकारी के ट्रांसफर किए जाने के संबंध में सीबीआई के पूर्व अन्तरिम निदेशक एल नागेश्वरा राव को समन जारी करते हुए उन्हे आदेश की ‘अवमानना’ का दोषी पाया है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह फैसला जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने लिया है।
इसके पहले बिहार शेल्टर होम रेप केस मामले में नियुक्त जाँच अधिकारी सीबीआई के जाइंट डायरेक्टर एके शर्मा का तबादला कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने सीबीआई काउंसिल के सामने इन अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा है कि ‘हम इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। आप लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खेला है। अब आपको भगवान ही बचा सकता है।’
इसके पहले शिकायत मिलने और पुष्टि होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सभी 17 शेल्टर होम की जाँच करने के आदेश सीबीआई को दिये थे। इन शेल्टर होम में बच्चों के शारीरिक और यौन शोषण की बात सामने आई थी।
इस मामले में नियुक्त किए गए मुख्य जांच अधिकारी एके शर्मा को बिना सुप्रीम कोर्ट को सूचना दिये सीबीआई से सीआरपीएफ़ में ट्रांसफर कर दिया गया था।
बेंच ने यह बिलकुल स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी स्थिति में कोर्ट के आदेश की अवमानना को बर्दाश्त नहीं करेगी।
इसी के साथ ही बेंच ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वो सभी जानकारी इकट्ठी करे व उन अधिकारियों के नाम भी जारी करे जिन्होने एके शर्मा का तबादला किया है।
बेंच ने सीबीआई के आला अधिकारियों से सीधे सवाल करने और फटकार लगाते हुए हुए यह पूछा है कि आपने ऐसा क्यों किया? उन अधिकारी का तबादला क्यों किया गया? सीबीआई को स्पष्ट रूप से चेतावनी जारी करते हुए एससी ने कहा है कि यह सब नहीं चल सकता।