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    सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मई 2022 में सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला कैडेटों को शामिल करने के लिए ‘तंत्र’ का प्रस्ताव है। रक्षा मंत्रालय ने एक हलफनामे में अदालत को बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) मई 2022 में प्रकाशित होने वाली अपनी एनडीए परीक्षा अधिसूचना में महिलाओं को शामिल करेगा।

    मंत्रालय द्वारा एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा गया है कि, “सरकार स्पष्ट स्टैंड को रिकॉर्ड में रख रही है कि महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के माध्यम से मौजूदा धाराओं में तीन रक्षा सेवाओं में प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। एनडीए में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा एक वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है। सरकार ने मई 2022 तक आवश्यक तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया है, यानी उस समय तक, जब तक यूपीएससी को एनडीए में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए 2022 की पहली अधिसूचना प्रकाशित करने की आवश्यकता है।”

    इससे पुरुषों के गढ़ माने जाने वाले एनडीए में महिलाओं के लिए पुरुषों के साथ ट्रेनिंग का रास्ता साफ हो गया है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिसके कारण महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन हुआ। यह दूसरी बार है जब अदालत ने सशस्त्र बलों को लैंगिक समानता की ओर अग्रसर किया है।

    8 सितंबर को सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया कि एनडीए में महिलाओं को शामिल करने पर सशस्त्र बल पहले से ही विचार कर रहे थे। न्यायमूर्ति एस.के. कौल ने सशस्त्र बलों और सरकार से “लैंगिक समानता के मुद्दों को अप्राप्य छोड़ने और अदालत से हस्तक्षेप करने का आह्वान करने के बजाय इसपर एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने” का आग्रह किया था।

    मंत्रालय ने कहा कि महिलाओं को शामिल करने से पहले बुनियादी ढांचे और शारीरिक प्रशिक्षण आदि के लिए पाठ्यक्रम-वार व्यवस्था की जानी है। हलफनामे में कहा गया है कि, “जबकि शिक्षा पाठ्यक्रम अच्छी तरह से निर्धारित है प्रशिक्षण के बाकी सभी पहलुओं को महिला उम्मीदवारों के लिए अलग से तैयार करने की आवश्यकता है।”

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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